✍️ ब्लैकमेल कर लाखों रुपये हड़पने व रंगदारी मांगने के मामले में मुकदमा दर्ज करने का आदेश
वाराणसी: समाजसेवी को ब्लैकमेल कर लाखों रुपये हड़पने व उनसे रंगदारी मांगने के मामले में अदालत ने पिता पुत्री समेत पांच लोगों के खिलाफ़ मुकदमा दर्ज करने का कोतवाली पुलिस को आदेश दिया है। अपर सिविल जज (जूनियर डिविजन) तृतीय अंशुमान यादव की अदालत ने विशेश्वरगंज कोतवाली निवासी विक्रम भारद्वाज की ओर से दिये गये प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया है।
प्रकरण के मुताबिक विक्रम भारद्वाज ने अपने अधिवक्ता अनुज यादव, बृजपाल सिंह यादव व रोहित के जरिए अदालत में दंड प्रक्रिया संहिता के धारा 156 (3) के तहत प्रार्थनापत्र दिया था।
👉आरोप था कि प्रार्थी की चौकाघाट स्थित एक मकान में एक स्टूडियो है। उसी स्टूडियो में 25 अगस्त 2021 को प्रार्थी की मुलाकात मोहनी मिश्रा नामक युवती से हुई थी। इस दौरान बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ और घर पर आना जाना व परिवारजनों से उसके पिता प्रमोद मिश्रा, मां सरीता मिश्रा, चाचा राजेश मिश्रा व बहन कृत्तिका मिश्रा से मुलाकात और बातचीत शुरू हुई। इस बीच मोहनी मिश्रा ने अपने पारिवारिक आर्थिक खराब स्थिति का हवाला देकर प्रार्थी से पैसों की मांग की जिसपर प्रार्थी ने गूगल पे और पेंटियम से तथा भिन्न-भिन्न तिथियों पर 10 से 12 लाख रुपये नगद भी दिये। रुपयों की उपरोक्त मांग मोहिनी के अलावा उसके माता-पिता बहन व चाचा द्वारा भी कि जाती रही। जिसकी पूर्ति प्रार्थी द्वारा की जाती थी। इसी दौरान प्रार्थी के परिचित आभूषण व्यवसायी से मोहिनी मिश्रा ने 3 लाख रुपये के आभूषण भी उधार ले लिये, जिसका भूगतान भी प्रार्थी द्वारा किया गया। आये दिन के मांग से तंग आकर 28 नवम्बर 2022 को मोहिनी मिश्रा द्वारा रुपये की मांग किया गया तो प्रार्थी ने इंकार किया गया तो जिसपर मोहिनी मिश्रा व उनके घरवाले फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देनें लगे। इसपर प्रार्थी को विश्वास हो गया कि मोहिनी मिश्रा व उसके परिवार वाले सोची-समझी साजिश के तहत अबतक 30 लाख रुपये हड़प लिये हैं और आगे और भी रूपये हड़पने की मंशा है। इस बीच 15 दिसम्बर 2022 को मोहिनी मिश्रा द्वारा पैसो की मांग की गयी और पैसे न देनें पर फर्जी मुकदमों में फसा कर जेल भेजने की धमकी दी गई। आये दिन धमकी व प्रताड़ना से क्षुब्ध होकर इसकी शिकायत कोतवाली थाना समेत उच्च अधिकारियों से की, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उसने अदालत की शरण ली।
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