✍️ सकलडीहा विधायक प्रभु नारायण यादव की सजा पर लगी रोक
"कोर्ट ने अपील निस्तारण तक लगाई रोक, मिली जमानत"
"अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव व संदीप यादव ने पक्ष रखा"
वाराणसी: तत्कालीन सकलडीहा व वर्तमान सैयदराजा विधायक सुशील सिंह के पर हमला करने, बवाल करने व आवागमन बाधित करने के मामले में आरोपित सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण यादव समेत दो आरोपितों को कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। अपर जिला जज (प्रथम) चंदौली की अदालत ने प्रभुनारायण सिंह यादव व अनिल यादव को निचली अदालत द्वारा सुनाए गए तीन माह के कारावास व अर्थदंड की सजा पर रोक लगाते हुए उनकी ओर से दाखिल अपील के निस्तारण तक उन्हें 25-25 हजार रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया है। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव व संदीप यादव ने सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण यादव व उनके भाई अनिल यादव की ओर से अपील दाखिल करते हुए उनका पक्ष रखा।
👉अभियोजन पक्ष के अनुसार तत्कालीन सकलडीहा विधायक व वर्तमान में सैयदराजा विधायक सुशील सिंह ने चंदौली जनपद के बलुआ थाने पर 25 अक्टूबर 2015 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि 24 अक्टूबर 2015 को रात 9 बजे वह अपने विधानसभा क्षेत्र सकलडीहा के कावर गांव में अपने समर्थक सुनील सिंह के प्रतिष्ठान पर गए थे। इस बीच वहां कुछ ही देर बाद प्रभुनरायण यादव पूर्व विधायक धानापुर व उनके सगे छोटे भाई अनिल यादव अपने सैकडो समर्थको के साथ आकर महडौरा भूपौली चहनिया रोड पर अपनी गाडी को आड़ा तिरक्षा खड़ा करके आवागमन अवरुद्ध कर दिया। साथ ही उनलोगों ने सड़क पर से ही अपने समर्थको के साथ आकर अवांछनीय बात करने लगे, जिससे विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गयी। जिसपर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। इस दौरान पूर्व विधायक व उनके समर्थक सकलडीहा विधायक व उनके समर्थको से मारपीट करने पर आमादा हो गये और गाली गलौज करने लगे। इस दौरान वह लोग रास्ता को तीन घण्टे तक वाधित किये रहे और पूर्व विधायक और उनके समर्थक सकलडीहा विधायक सुशील सिंह की हत्या करने की नियत से वहां आये हुये थे।
👉इसी मामले में तत्कालीन पूर्व विधायक धानापुर व वर्तमान विधायक सकलडीहा प्रभुनारायण यादव व उनके भाई अनिल यादव को सीजेएम/विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) चंदौली द्वारा 24 मई 2023 को तीन-तीन माह के कारावास व एक-एक हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई थी। इसी आदेश के खिलाफ विधायक प्रभुनारायण यादव व उनके भाई ने सत्र न्यायालय में अपने अधिवक्ता अनुज यादव व संदीप यादव के जरिए अपील की थी। सत्र न्यायालय ने उनके अपील पर सुनवाई करते हुए अपील निस्तारण तक सजा पर रोक लगा दी। साथ ही उन्हें तब तक इस मामले पर जमानत पर रिहा करने का आदेश भी दिया।
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