✍️✍️ माफिया मुख्तार को बड़ा झटका, फर्जी शस्त्र लाइसेंस का मामला, आर्म्स एक्ट के तहत पाया गया दोषी

 

""34 साल बाद आर्म एक्ट मे पाया गया दोषी,बुधवार को सुनाया जाएगा सजा""


अदालत में अभियोजन की ओर से एडीजीसी विनय कुमार सिंह और अभियोजन अधिकारी उदय राज शुक्ला ने पक्ष रखा


वाराणसीः विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश उपाध्याय की अदालत ने बांदा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे सरगना मुख्तार अंसारी को गाजीपुर के फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में दोषी पाया। बुधवार की दोपहर 12 बजे मुख्तार अंसारी को सजा सुनाएगी। माफिया के खिलाफ वर्ष 1990 में गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। अदालत में अभियोजन की ओर से एडीजीसी विनय कुमार सिंह और अभियोजन अधिकारी उदय राज शुक्ला ने पक्ष रखा।



👉अभियोजन पक्ष के अनुसार, मुख्तार अंसारी ने 10 जून 1987 को दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए गाजीपुर के जिलाधिकारी के यहां प्रार्थना पत्र दिया था। आरोप था कि गाजीपुर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर उसने शस्त्र लाइसेंस प्राप्त किया था।फर्जीवाड़ा उजागर होने पर सीबीसीआईडी द्वारा चार दिसंबर 1990 को मोहम्मदाबाद थाने में मुख्तार अंसारी, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत पांच नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। जांच के बाद तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव और मुख्तार अंसारी के विरुद्ध 1997 में अदालत में आरोप पत्र प्रेषित किया गया। सुनवाई के दौरान गौरीशंकर श्रीवास्तव की मृत्यु हो जाने के कारण उसके विरुद्ध 18 अगस्त 2021 को मुकदमा समाप्त कर दिया गया।





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