✍️✍️ घर मे डकैती करने की योजना व मन्दिर के दानपत्र का पैसा चोरी करने के मामले मे मिली जमानत


वाराणसी: प्रभारी सत्र न्यायालय के न्यायाधीश राकेश पांडेय की अदालत ने घर में डकैती करने की योजना व मंदिर के दानपत्र का पैसा चुराने के मामले में अभियुक्त अभिषेक कुमार बेनवंशी उर्फ बीसीआर पुत्र सुमन्त लाल हाल पता निवासी बेनीपुर पोखरा, थाना सारनाथ, जिला वाराणसी को जमानत दे दी। 

""बचाव पक्ष की ओर से अदालत मे अधिवक्ता जुनैद जाफरी,सैय्यद असद व आयुष चंद्र राजपूत ने पक्ष रखा""

👉अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 24.12.2023 को थानाध्यक्ष मनोज कुमार अपने हमराह पुलिस कर्मचारियों के साथ रात्रि गस्त में लमही गेट पर मौजूद थे कि मुखबिर खास उपस्थित आकर बताया कि पांच अपराधी एक आटो और एक टोटो एक दूसरे से सटाकर सोएपुर पोखरे के पास किसी घर में डकैती करने की योजना बना रहे है। अगर जल्दी किया जाये तो पकड़े जा सकते हैं। मुखबिर की सूचना पर मुखबिर को साथ लेकर मुखबिर द्वारा बताये गये स्थान पर पहुंचने पर मुखबिर खास इशारा करके हठ गया। मुखबिर खास द्वारा इशारा किये गये आटो और टोटो में बैठे व्यक्तियों को एक बारगी दबिश देकर आवश्यक बल का प्रयोग कर पांचों व्यक्तियों को आटो और टोटो में पकड़ लिया गया। पकड़े गये व्यक्तियों से नाम पता पूछा गया तो पहले ने अपना नाम पकंज कुमार व दूसरे ने अपने नाम रतन भारद्वाज व तीसरे ने अपना नाम राकेश कुमार यादव चौथे व्यक्ति ने अपना नाम अमित कुमार तिवारी तथा पांचवे ने अपना नाम अभिषेक कुमार बेनबंसी बताया। अभियुक्त अभिषेक कुमार बेनबंसी उर्फ बीसीआर की जमातलाशी से कुल मिलाकर पैण्ट की दाहिनी जेब से 2550/-रूपये नकद बरामद हुआ। पूछताछ में अभियुक्त ने बताया कि वह अपने साथियों के साथ मिलकर सोएपुर में एक मकान में डकैती करने की योजना बना रहे थे कि आप लोगों ने पकड़ लिया। पूछताछ में यह भी बताया कि बेनीपुर में मन्दिर का दानपत्र का ताला थ कुण्डी तोड़कर रूपये व पैसे चुरा लिये। अभियुक्तगण को गिरफ्तारी का कारण बताते हुए समय 03:15 बजे गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के दौरान माननीय सर्वोच्च न्यायालय और मावाधिकार आयोग के आदेशों और निर्देशों का पालन किया गया। पर्द मौके पर लिखी गई। फर्द की पति अभियुक्तगण को दी गई।

👉 अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा अदालत में तर्क दिया गया की वह निर्दोष है। सत्यता यह है कि आवेदक/अभियुक्त अपने आटो से पाण्डेयपुर की तरफ जा रहा था कि सामने से आ रहे फैटम पुलिस से उसके आटो द्वारा धक्का लग गया जिस पर फैटम पुलिस द्वारा अपना पुलिस रौब दिखाकर आवेदक/अभियुक्त को तीन-चार डंडे मारा गया जिस पर आवेदक/अभियुक्त द्वारा विरोध किया गया तो हाथापाई करने लगे व आवेदक/अभियुक्त को थाने ले जाकर झूठा व फर्जी दो मुकदमे लगा दिया तथा आटो भी सीज कर दिया। आवेदक/अभियुक्त का सहअभियुक्तों से कोई वास्ता संरोकार नहीं है। आवेदक/अभियुक्त के पास से पुलिस द्वारा फर्जी बरामदगी बतायी गई है। आवेदक/अभियुक्त का कोई भी आपराधिक इतिहास नहीं है।

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