✍️✍️ दहेज उत्पीड़न, गाली गलौज व मारपीट के मामले में अभियुक्त की अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र मंजूर



वाराणसी: अपर जिला एवं सत्र न्यायालय/विशेष न्यायालय गैंगस्टर एक्ट के न्यायाधीश देव कान्त शुक्ला की अदालत ने दहेज उत्पीड़न,गाली गलौज व मार पीट के मामले में अभियुक्त अंकित जैन पुत्र संजय जैन निवासी लोहा मंडी,सिविल लाइन,आगरा की ओर से प्रस्तुत अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र को मंजूर कर लिया।

""अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता श्याम सुंदर चौरसिया व विश्वास कुमार सिंह ने पक्ष रखा""

👉 संक्षेप में अभियोजन कथानक यह है कि प्रार्थिनी का विवाह हिन्दू धर्मशास्त्र तथा जातिगत प्रचलित प्रथाओं के अनुसार दिनांक 15.07.2013 को अंकित जैन पुत्र संजय जैन स्थायी निवासी पूनिया पाड़ा,थाना लोहामण्डी, शहर व जनपद आगरा के साथ सम्पन्न हुआ था। विवाह के अवसर पर प्रार्थिनी के पिता ने मेरे ससुराल वालों की इच्छा के अनुसार अपने सामर्थ्य से अधिक धन खर्च किया था। नकद रूपये, उपहार व घरेलू उपयोग के सभी सामान दिया तथा प्रार्थिनी कीमती आभूषण कपड़े आदि दिया था। विवाह के पश्चात् ससुराल पहुँचने के पश्चात् मेरे पति, ससुर संजय जैन, सास रेनू जैन, जेठ आशीष जैन तथा जेठानी श्रीमती रुचिरा जैन पत्नी आशीष जैन इस बात पर असन्तुष्टि प्रकट करते हुये प्रार्थिनी को ताना देने लगे कि उन लोगों को उनकी इच्छा व आशा के दहेज नहीं मिला है। इस बात को लेकर प्रार्थिनी को शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताडित किया जाने लगा। फिर भी प्रार्थिनी अपने सभी कर्तव्यों का निर्वहन इस आशा से करती रही कि उसके सद्व्यवहारों से धीरे-धीरे सब ठीक हो जाएगा। प्रार्थिनी ने दिनांक 11.11.2014 को एक पुत्री को जन्म दिया। गर्भावस्था में भी दहेज की बात को लेकर प्रार्थिनी को प्रताडित किया जाता रहा तथा घर गृहस्थी के सारे कार्य नौकरानी की तरह करवाया जाता रहा तथा पुत्री उत्पन्न होने से उक्त सभी लोग इसका भी ताना देते हुये और प्रताडित करने लगे तथा मेरे ऊपर यह दबाव देने लगे कि प्रार्थिनी विपक्षीगण को दहेज में कम से कम पचास लाख रुपये अपने मायके वालों से दिलवा दे। मेरे पति अलग कमरे में सोने लगे तथा कई माह बाद इस शर्त पर मेरे कमरे में सोने लगे कि प्रार्थिनी पचास लाख रुपये दहेज के लिये अपने मायके बात करेंगी। सौभाग्यवश प्रार्थिनी पुनः गर्भवती हो गयी. परन्तु किसी भी विपक्षीगण के क्रूरतापूर्ण व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आया तथा लगातार दहेज की मांग की जाती रही और इसके लिये उसे प्रताडित किया जाता रहा। विपक्षीगणकई बार प्रार्थिनी को मारते-पीटते भी रहे। दिनाक 17.08.2017 को प्रार्थिनी ने एक पुत्र को जन्म दिया। इसके पूर्व ही माह जून वर्ष 2017 में प्रार्थिनी को ज्ञात हुआ कि उसके पति का विवाहेत्तर सम्बन्ध एक अत्यंत लडकी से है। मेरे पति अपने मोबाईल से उक्त लडकी के मोबाइल पर घण्टों बात करते रहते थे मेरे पति ने इस तथ्य को स्वीकार भी किया था तथा सभी विपक्षीगण ने यह धमकी दिया कि यदि उन्हें दहेज में पचास लाख रुपये नहीं मिले तो प्रार्थिनी के पति का दूसरा विवाह कर दिया जायेगा। वर्तमान में मेरे पति उस लडकी से दुसरे नंबर पर बात करते हैं। मेरे ससुराल वालों ने मेरे नाम से कई प्रकार का ऋण ले रखा है। ऋणदाता संस्थाओं द्वारा भी प्रार्थिनी को परेशान किया जाता है। वर्ष 2017 से उक्त सभी विपक्षीगण प्रार्थिनी के मायके फोन करके गाली-गलौज व धमकी देते हुये कहते रहे कि उन्हे दहेज में मांगे गये रूपये नहीं मिले इसलिये प्रार्थिनी को उसके मायके वाले वापस ले जाये। सभी विपक्षीगण मुझे डरा धमकाकर कई सादे कागजातों पर मेरे हस्ताक्षर करवा लिये थे और अंगूठा लगवा लिये थे तथा यह भी धमकी दिये थे कि ये लोग इन कागजातों का प्रयोग तलाक का कागज तैयार करवाने और अन्य जगहों पर करेंगे। इन तथ्यों की जानकारी होने पर मेरे मायके के लोग विपक्षीगण को समझाने गये, परन्तु वे लोग बिना दहेज का उक्त रुपये प्राप्त हुये कुछ भी सुनने को तैयार नहीं होंगे और मुझे मेरे मायके वालों के साथ वापस भेज दिये। दिनांक 25. 12.2022 को प्रार्थिनी के मायके वाले जैन समाज के कुछ विशिष्ट व्यक्तियों के साथ विपक्षीगण से सकारात्मक वार्ता हेतु गये, परन्तु विपक्षीगण अपनी जिद्द पर अड़े रहे। वर्तमान में भी सभी विपक्षीगण संयुक्त रूप से एक साथ ही बी 362 आम्रपाली लेजर वैली टेकजोन 4 ग्रेटर नोएडा में रह रहे है। दिनाक 02.01.2023 को प्रार्थिनी अपने छोटे भाई के साथ विपक्षीगण के पास ग्रेटर नोएडा गयी और उनसे आग्रह किया कि प्रार्थिनी के पिता की परिस्थिति दहेज देने की नहीं है, विपक्षीगण प्रार्थिनी को अपने पास शान्ति व सम्मान से रहने दें, परन्तु सभी विपक्षीगण उक्त दहेज की मांग को लेकर प्रार्थिनी तथा उसके भाई को गाली-गलौज जान से खत्म करने की धमकी देकर भगा दिया। वे लोग धक्का मुक्की भी किये और मारे-पीटे। प्रार्थिनी असहाय अवस्था में अपने बच्चें के साथ अपने पिता के घर पर पड़ी हुयी है। विपक्षीगण बिना पचास लाख रुपये दहेज पाये कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है

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