✍️✍️ अम्बियामंडी क्षेत्र में हुई घटना के आरोपी समाजवादी पार्टी के नेता कि जमानत मंजूर
वाराणसी। विशेष न्यायालय (आवश्यक वस्तु अधिनियम) की न्यायाधीश संध्या श्रीवास्तव कि अदालत ने थाना कोतवाली में दर्ज दंगा व हत्या के प्रयास के एक मामले में अम्बियामंडी थाना कोतवाली जिला वाराणसी निवासी रिजवान अहमद पुत्र जैनुल आब्दीन कि ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
""अदालत में बचाव पक्ष कि ओर से फौजदारी अधिवक्ता कलीम अशरफ ,अल्ताफ आजम व मोहम्मद आलम ने पक्ष रखा""
👉 प्रकरण के अनुसार वादी राहुल प्रजापति द्वारा दिनांक 06-03-2025 को थाना कोतवाली वाराणसी में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी कि अम्बियामंडी के पास छेड़खानी की घटना में वह विलाल को पकड़ कर अम्बिया पुलिस चौकी ले जा रहा था तभी रास्ते में रिजवान नेता और उनके समर्थक लगभग 100 लोगों ने उसे जान से मारने की नियत से उसके ऊपर हमला कर दिए और मौके से बिलाल को छुडा कर साथ ले गए और जान से मारने की धमकी देते हुए गए।
👉बता दें कि उपरोक्त घटित घटना के आधार पर बिलाल व 3 अन्य के विरुद्ध धारा 191(2), 351(3), 115(2) BNS में अभियोग पंजीकृत हुआ। दौरान विवेचना साक्ष्य संकलन के उपरांत धारा 109, 3(6) BNS की बढ़ोत्तरी की गयी।
👉 अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा अदालत में तर्क दिया गया कि प्रथम सूचना रिपोर्ट में घटना का कोई समय और न ही वादी मुकदमा को कोई चोट आना दिखाया गया है जबकि 100 आदमियों द्वारा हमला करना कहा गया है जो घटना को संदिग्ध बनाता है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में किसी अभियुक्त का पता व पिता का नाम नहीं दिया गया है और न ही किसी का कोई रोल बताया गया। अभियुक्त समाजवादी पार्टी का नेता एवं मुस्लिम धर्म का है जिससे कारण सत्तादल पार्टी के दबाव में पुलिस ने मुकदमा उपरोक्त में नामित कर जेल भेज दिया गया। अभियुक्त को पहले जमानतीय अपराध में बिना नोटिस अंतर्गत धारा 35 बी एन एस./41 सी.आर.पी.सी. दिए एवं बिना अपराध का विवरण व कारण बताए गिरफ्तार किया और बाद में धारा 109, 3(6) बी.एन.एस. की बढ़ोत्तरी कर दिया जो अवैध है। गिरफ्तारी मेमों पर किसी स्वतंत्र साक्षी का हस्ताक्षर नहीं कराया गया और न ही उसका कारण बताया गया।
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