✍️✍️ पाक्सो मामले में कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को रद्द करते हुए बाल अपचारी की जमानत स्वीकृत की


वाराणसी:

 बाल न्यायालय/विशेष न्यायालय (पॉक्सो अधिनियम) के न्यायाधीश अजय कुमार तृतीय की अदालत ने एक गंभीर आपराधिक मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। अदालत ने थाना मिर्जामुराद में दर्ज भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 137(2), 64(1) और पॉक्सो अधिनियम (POCSO Act) की धारा 3/4 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया था जिसमें बाल अपचारी (Juvenile Offender) की ओर से प्रस्तुत आपराधिक अपील को स्वीकार करते हुए, प्रश्नगत आदेश दिनांक 13 नवंबर 2025 को निरस्त कर दिया।

न्यायालय ने यह आदेश पारित किया कि किशोर अपचारी को उसके संरक्षक पिता के संरक्षण में अवमुक्त (रिहा) किया जाए। रिहाई के लिए संरक्षक पिता को 75,000 रुपए का व्यक्तिगत बंधपत्र और समान धनराशि के दो प्रतिभू संबंधित बोर्ड की संतुष्टि तथा निम्न शर्तों के अंडर टेकिंग दाखिल करने होंगे।

""बाल अपचारी के संरक्षक पिता द्वारा यह अपील फौजदारी अधिवक्ता श्रीकांत प्रजापति व विनोद कुमार यादव के माध्यम से माननीय न्यायालय में प्रस्तुत की गई थी""

अभियोजन पक्ष का विवरण

मामले का पंजीकरण तब हुआ जब वादी ने थाना मिर्जामुराद में थाना प्रभारी निरीक्षक महोदय को अपनी बेटी की गुमशुदगी की सूचना दी। अभियोजन के अनुसार, वादी की 16 वर्षीय बेटी, जिसका रंग गेहुआं और लंबाई लगभग पाँच फीट है, दिनांक 8 अक्टूबर 2025 को शाम 4 बजे के आसपास घर से लापता हो गई थी। काफी खोजबीन के बाद भी जब वह नहीं मिली, तब थाने में सूचना दी गई।

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