वर्चुअल कोर्ट में न्यायिक कार्य के संचालन में पारदर्शिता व मुकदमों की सुनवाई के लिए जानिए किसने क्या कहा और क्या माँग की?

 


वाराणसी:-विदित हो कि वर्तमान परिवेश में कोरोना संक्रमण के कारण देश की स्थिति काफी खराब है तथा वाराणसी में तमाम न्यायिक अधिकारियों के साथ ही साथ अधिवक्ता भी संक्रमित हुए हैं। 

ऐसे में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के परिपेक्ष्य में जनपद न्यायालय बंद है तथा जेल में बंद अभियुक्तों के जमानत प्रार्थना पत्र की सुनवाई वर्चुअल कोर्ट के द्वारा सम्पादित किये जाने का प्रावधान बनाया गया है।


कन्हैया लाल पटेल (महामंत्री, दी सेन्ट्रल बार एसोसिएशन, वाराणसी) ने  मेल के जरिए जनपद न्यायाधीश को अवगत कराया कि सत्र न्यायालय के अधीन सभी न्यायालयों के द्वारा समय पर जमानत प्रार्थना पत्र की सुनवाई के लिए तारीख व समय अधिवक्ताओं को SMS अथवा मैसेज के बाबत नहीं दे रहे हैं, जिस कारण अधिवक्ता साथी मुकदमों की तैयारी भी नहीं कर पा रहे है। एकाएक फोन से सम्बन्धित कोर्ट के बाबू द्वारा यह सूचना प्रेषित किया जा रहा है कि अभी एक घंटे बाद आपके बेल की सुनवाई होना है। उपरोक्त के कारण बहुत ही अव्यवस्था उत्पन्न हो गयी है। 

महामंत्री कन्हैयालाल पटेल ने मांग किया कि न्याय हित में नित्यप्रतिदिन के मुकदमे की जो तारीख नियत किये जाते हैं, उसे न्यायालय के बेबसाइट पर लगाया जायें। जमानत प्रार्थना पत्र की सुनवाई के लिए एक दिन पूर्व सम्बंधित अधिवक्ताओं को सूचित किया जायें। किसी भी मुकदमें में अगर कोई व्यक्ति जेल में निरूद्ध है तथा न्यायालय द्वारा उसका जमानत स्वीकार कर लिया गया हो तथा उसका बंधपत्र सत्यापन होकर न्यायालय में नहीं आ सका है तो तत्काल ऐसे अभियुक्तों को अंतरिम जमानत पर वैरिफिकेशन होने तक के लिए रिहा किया जायें।

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