✍️46 लाख लेकर सम्पत्ति बैनामे में धोखाधड़ी के आरोपी को मिली जमानत


👉 ""बचाव पक्ष की ओर से विद्वान अधिवक्ता अमरनाथ मिश्रा व राजेश गुप्ता ने पक्ष रखा""  

वाराणसी:- अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (द्वितीय) के न्यायाधीश रोहित रघुवंशी की अदालत ने मुकदमा अपराध संख्या 1624/ 2019 अंतर्गत धारा 420,406,506 भारतीय दंड संहिता के आरोपी अखिलेश सिंह एवं रुद्राक्ष सिंह थाना कैंट की जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कर ली । अभियुक्त अखिलेश सिंह एवं रुद्राक्ष सिंह की ओर से एक-एक लाख रूपए प्रत्येक के द्वारा व्यक्तिगत बंधपत्र एवं समान धनराशि की दो दो जमानते प्रस्तुत करने पर सम्बन्धित मजिस्ट्रेट के संतुष्टि पर निम्न शर्ता के अधीन जमानत पर रिहा किया गया कि अभियुक्त जमानत पर रिहा के दौरान अपराध की पुनरावृत्ति नहीं करेगा,अभियुक्त न्यायालय में समय से उपस्थित होकर विचारण की कार्यवाही में सहयोग करेगा, अभियुक्त साक्ष्य प्रभावित करने का प्रयत्न नहीं करेगा तथा विचारण न्यायालय के समक्ष प्रत्येक तिथि पर स्वयं अथवा जरिये अधिवक्ता उपस्थित रहेगा।।        

 👉अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा विनोद कुमार सिंह ने समय 18:43 बजे थाना कैण्ट वाराणसी में इस आशय का प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया कि वादी मुकादमा ने मकान नम्बर एस 19 / 134-34 जे0 जो आराजी नम्बर 144/2 पर स्थित मुहल्ला ददीर बाजार वार्ड व परगना सिकरौल नदेसर थाना कण्ट वाराणसी स्थित है के कप हेतु उसके मालिक अखिलेश सिंह से 43,00,000 / -रूपये में तय व पोख्ता हुआ और समस्त रुपया उन्हें सन 2016 से पूर्व ही दिया जा चुका है । परन्तु रजिस्ट्री से पहले अखिलेश सिंह ने यह प्रस्ताव रखा वह ईस पर फ्लैट बनवा दे रहा है और उसका ग्राउण्ड फलोर वादी को उस पैसे में रजिस्ट्री कर देगे । वादी मुकदमा से सम्बन्ध अच्छे थे और उनकी बातों पर विश्वास करके फ्लैट लेने के लिए तैयार हो गया । उक्त फ्लैट 2019 में बनकर तैयार हो गया । वादी को विश्वास दिलाने हेतु उसने 43,00,000 / -रू 0 का चेक काटकर दिया था कि वादी विश्वास रखे कि उसका पैसा डूबेगा नहीं फ्लैट तैयार होने पर उसने पुनः वादी को द्वितीय तल पर फ्लेट देने को तैयार हुआ । वादी भी अपना पैसा फंसा समझकर दूसरे तल पर अपना फ्लैट लेने को तैयार हो गया तब दिनांक- 19.09.2019 को अखिलेश सिंह व उसके पुत्र रुद्राक्ष सिंह से उक्त फ्लैट का बैनामा वादी के पत्नी के नाम से कर दिया । परन्तु ये उसका कोमल केवल 9,00,000 / - ही प्रदर्शित किया । जबकि प्रारम्भ में उन लोगो ने प्रार्थी से उक्त के बाबत पूर्व में ही 43,00,000 / -रूपया ले चुके थे । जिसके बाबत उन्होनें चेक दिया था जो वादी के पास आज भी मौजूद है । उक्त 9,00,000 / रुपया जो बैनामें में दर्शाये गये । को भी अखिलेश सिंह ने कहा था कि आप 3,00,000 / -रू 0 व 3,00,000 / -रू ० हमारे व हमारे लड़के के खाते में जमा कीजिएगा वह पैसा यह वादी को वापस कर देगा परन्तु अखिलेश सिंह ने वादी द्वारा दिये गये 3,00,000 / रुपये वापस नहीं किया जो वादी ने उसको खाते में ट्रांसफर किया था । अब यह 6,00,000 / -रू 0 की मांग कर रहा है और फ्लैट पर कब्जा नहीं दे रहा है । इस प्रकार अखिलेश सिंह ने बेईमानीपूर्ण आशय से सोची समझी साजिश के तहत वादी का कुल 46,00,000 / -रू ० हड़प लिया है और फ्लैट का भी कब्जा नही दे रहा है । वादी ने थाना कैण्ट में प्रार्थना पत्र दिया था तो वहा पर आकर पिता पुत्र ने 46,00,000 / -रू ० प्राप्त करना स्वीकार किया था और 15 तारीख तक  फ्लैट पर कब्जा देना स्वीकार किया था परन्तु तब से ही पिता पुत्र मोबाइल स्वीच आफ करके फरार हो गये है । इस प्रकार पिता व पुत्र धोखाधडी व विश्वासघात करके 46.00.000 / -रू ० हङप लिया है और फरार है और कुछ लोगो से धमकियां दिलवा रहा है कि यदि वादी कानूनी कार्यवाही करेगा तो गम्भीर परिणाम भुगतना पड़ेगा। उक्त सूचना के आधार पर अभियुक्तगण अखिलेश सिंह , रूद्राक्ष व अज्ञात के विरूद्ध अंतर्गत धारा -420,406,506 भारतीय दण्ड संहिता में प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत किया गया ।

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