✍️बीएचयू छात्र आकाश मिश्र के मामले में डॉ एके खन्ना व डाॅ पुनित के खिलाफ़ अग्रिम विवेचना का आदेश


VARANASI
:-  न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम ऋचा शर्मा की अदालत ने बीएचयू में वर्ष 2018 में शास्त्री तृतीय वर्ष के छात्र आकाश मिश्र पर हमले में डॉ एके खन्ना और डॉ पुनीत समेत कई पर दर्ज डकैती,मारपीट समेत कई गम्भीर धाराओं में दर्ज मामले में अग्रिम विवेचना का आदेश लंका प्रभारी निरीक्षक को दिया है। 

👉अदालत ने कहा कि पत्रावली से स्पष्ट है कि 3 अप्रैल 2018 को घटना वाले दिन घटनास्थल पर काफी भीड़ थी,जहाँ बीएचयू अस्पताल के कर्मचारी व अन्य डॉक्टर्स भी मौजूद थे परंतु किसी का जिक्र विवेचना में नही है जिससे विदित होता है कि विवेचना अत्यंत ही सरसरी तौर पर किया गया है,ऐसे में अग्रिम विवेचना के लिए थानाध्यक्ष को निर्देशित किया जाता है और अग्रिम विवेचना कर अपनी आख्या अदालत में अविलम्ब प्रस्तुत करें कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 30 अक्टूबर नियत कर दी। 




👉अदालत में सोनबरसा चौबेपुर निवासी पीड़ित छात्र की तरफ से बनारस बार अध्यक्ष विनोद पाण्डेय,वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक सिंह प्रिंस,अनुज यादव,वरुण प्रताप सिंह,रंजन मिश्र, नित्यानन्द रॉय व संजय सिंह दाढ़ी ने कोर्ट में दलीलें पेश की।



👉 कोर्ट में आवेदन देकर कहा गया था कि मामले के विवेचक ने जो आरोप पत्र कोर्ट में प्रेषित किया है उसमें वादी का कोई बयान नही लिया गया और न बीएचयू प्रशासन के जांच रिपोर्ट का कोई जिक्र किया गया है,कपोलकल्पित विवेचना कर सामान्य 323,504,506 में सिर्फ एक आरोपी रेजिडेंट उदयकांत के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया और मुख्य आरोपी डॉ एके खन्ना और डॉक्टर पुनीत का नाम खारिज कर दिया गया,ऐसे में सीआरपीसी की धारा 173(8)के तहत अग्रिम विवेचना कराने का अनुरोध किया और इस बाबत सुप्रीमकोर्ट की नजीर पेश की। अदालत ने कहा केस डायरी के 12 पर्चो से स्पष्ट है कि विवेचक ने पीड़ित व उसके मित्र चश्मदीद गवाह छात्र प्रसून चतुर्वेदी का बयान अंकित होना दर्शाया है जबकि वादी बे बयान देने से इंकार किया है,विवेचक ने किसी अन्य चश्मदीद व स्वतंत्र गवाह का जिक्र नही किया है जबकि बीएचयू प्रशाशन ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित की थी विस्तृत आख्या भी घटना के बाबत दी थी जिसमे गवाहों के बयान भी दर्ज है उसका भी विवेचक ने जिक्र नहीं किया और न किसी का बयान दर्ज किया। बता दे कि 3 अप्रैल 2018 को  समय 11 बजे दिन में बीएचयू के छात्र आकाश पर उस समय जनलेवा हमला किया गया जब वह दर्द से पीड़ित हार्निया का इलाज कराने गया था,पीड़ित छात्र को धारदार हथियार से जानबूझकर सोच समझकर सर पर हमला कर दिया गया था जिससे वह लहूलुहान हो गया था। मामले को लेकर जबरदस्त आंदोलन बीएचयू में चला था और वकील भी आंदोलित हुए तब अदालत के आदेश पर आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ मारपीट व डकैती समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।

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