✍️ स्त्री लज्जा भंग करने के आशय से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करने व लैंगिक अपराध के मामले में अभियुक्त की जमानत स्वीकार


वाराणसी
: अपर जिला एवं सत्र/विशेष न्यायाधीश (पॉस्को एक्ट) न्यायालय के न्यायाधीश राजीव कुमार की अदालत ने स्त्री की लज्जा भंग करने के आशय से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करने व लैंगिक अपराध के मामले में अभियुक्त राजू उर्फ फखरुद्दीन पुत्र स्व शमशुद्दीन निवासी मोहला मुग़लचक, थाना अलीनगर जिला चंदौली को जमानत दे दी।

 बचाव पक्ष की ओर से अदालत में अधिवक्ता मुन्ना लाल यादव ने पक्ष रखा।

👉बचाव पक्ष के अधिवक्ता मुन्ना लाल यादव ने अदालत में दलील पेश की की अभियुक्त को महज जेरवार परेशान व बेइज्जत करने की गरज से रंजिशन साजिश करके उक्त मुकदमे में अभियुक्त बना दिया गया है। अभियुक्त ऐसे किसी घटना में सम्मिलित नहीं था और ना ही ऐसी कोई घटना कार्य किया है। पीड़िता ने अपने बयान अंतर्गत धारा 164 सीआरपीसी में अभियुक्त द्वारा कोई अश्लील हरकत न करने का कथन किया है। अभियुक्त बाबू सोनकर नाम व्यवसायी की दुकान पर नौकर था और कुछ बच्चे खेलते समय रेलिंग से गिर गए थे और रोने और चिल्लाने लगे थे, जिस पर मानवता वश अभियुक्त पीड़िता को उठाकर उसके माता-पिता के पास उसे चुप कराते हुए ले जा रहा था और इसी गलतफहमी वश पीड़िता के घरवालों द्वारा अभियुक्त जिसको वह भली भांति जानते पहचानते थे, उपरोक्त मुकदमे में झूठी घटना दिखाते हुए अभियुक्त बना दिया। पीड़िता को रेलिंग से गिर जाने के दौरान चोटे आई थी परंतु वादी मुकदमा द्वारा जानबूझकर पीड़िता की चोटों का डॉक्टरी मुआयना नहीं कराया गया। अभियुक्त द्वारा पीड़िता के साथ कोई अश्लील हरकत अथवा बदतमीजी नहीं की गई है।

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