✍️आत्महत्या करने के लिए उकसाने व डीपी एक्ट के मामले में अभियुक्त को मिली जमानत



""अभियुक्त की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद शर्मा एवं श्री ओम त्रिपाठी ने पक्ष रखा""

Varanasi: सत्र न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने अभियुक्त पंचम सोनकर पुत्र स्वर्गीय कल्लू सोनकर निवासी महावीर मंदिर थाना कैंट वाराणसी को डीपी एक्ट व धारा 306 आईपीसी में जमानत दे दी।

👉 अभियुक्त की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद शर्मा एवं श्री ओम त्रिपाठी ने पक्ष रखा। 

👉वादी मुकदमा राहुल सोनकर द्वारा न्यायालय में अपने अधिवक्ता के जरिए प्रस्तुत प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 156 (3) द०प्र०सं० के आधार पर पुलिस थाना लालपुर पाण्डेयपुर, वाराणसी में इस आशय की प्राथमिकी दर्ज की गयी है कि प्रार्थी की छोटी बहन गौरी की शादी अनिल सोनकर उर्फ टार्जन पुत्र पंचम सोनकर के साथ होना निश्चित हुआ था। शादी के बाबत छेका-छेकी व मंगनी की रस्म हो चुकी थी। पंचम सोनकर उर्फ बलभू द्वारा अपनी पुत्री पुष्पा उर्फ तोफा की शादी तय होने के बाद शादी की तारीख तय करने की बात कही गयी थी। शादी तय होने के बाद से प्रार्थी के परिवार एवं जहाँ शादी होनी थी अच्छे सम्बन्ध थे तथा बराबर बातचीत होती रहती थी। अनिल सोनकार उर्फ टारजन बराबर प्रार्थी की बहन से बातचीत करता रहता था तथा घर पर भी आना जाना होता था। प्रार्थी की बहन द्वारा आत्महत्या करने के कुछ दिन पूर्व उपरोक्त नामित सभी लोग दहेज में बुलेट मोटर साईकिल व चार लाख रुपये नकद शादी तय होने के बाद मांग करने लगे तथा यह बात अनिल सोनकर उर्फ टार्जन, मंजू सोनकर व पुष्पा उर्फ तोफा सोनकर द्वारा बराबर प्रार्थी की बहन से कही जाने लगी तथा शादी में बुलेट मोटर साईकिल व चार लाख रुपये नगद देने पर ही शादी होने की बात कही जाने लगी। उपरोक्त नामित लोगों द्वारा प्रार्थी की बहन को बराबर मांगों को पूरा करने के लिए अपने परिवार पर दबाव बनाने के लिए कहा जाने लगा तथा दबाव बनाते हुए प्रताड़ित किया जाने लगा। दिनांक 12.05.2022 को रात्रि में प्रार्थी की बहन द्वारा उपरोक्त नामित लोगों द्वारा दहेज मांगने व प्रताड़ित करने के कारण ऊपर के कमरे में जाकर रात्रि 8 बजे के लगभग दुपट्टे से फाँसी लगाकर आत्म हत्या कर लिया। उपरोक्त घटना की सूचना प्रार्थी द्वारा थाना हलका को दिया गया जिस पर पुलिस द्वारा प्रार्थी की बहन को दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल पाण्डेयपुर वाराणसी ले जाया गया जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

👉जमानत प्रार्थना पत्र में अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता द्वारा कहा गया कि अभियुक्त को झूठा रंजिशन, जेरवार व परेशान करने की नियत से फर्जी तरीके से मुलजिम बनाया गया है। अभी निर्दोष है उसका कथित घटना व घटना स्थल से किसी प्रकार का वास्ता नहीं है। अभियुक्त न तो बुलेट मोटरसाइकिल व चार लाख नगद की मांग किया और ना ही मृतिका को दहेज के लिए प्रताड़ित किया है और ना ही मृतिका ने प्रताड़ना से आत्महत्या किया है। अभियुक्त के पुत्र अनिल सोनकर से ना तो मृतका की शादी तय की थी और ना ही किसी दहेज की मांग किया कि था और ना ही अभियोजन द्वारा शादी दहेज मांगने व तिलक मांगने का कोई साक्ष्य है। प्राथमिक सूचना रिपोर्ट भी काफी विलंब में दर्ज कराई थी।

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