✍️ सूदखोर के मामले में अभियुक्त की अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त
Varanasi (UP): प्रभारी सत्र न्यायालय के न्यायाधीश किरन पाल सिंह की अदालत ने सूदखोर के मामले में अभियुक्त बृजमोहन तिवारी पुत्र स्व० बलभद्र तिवारी, निवासी ककरमत्ता उत्तरी थाना मण्डुवाडीह वाराणसी की अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दी।
👉अदालत में अभियोजन की ओर से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी आलोक चंद शुक्ला, हिमांचल सिंह व वरुण प्रताप सिंह ने अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया।
👉अभियोजन कथानक के अनुसार कहा गया कि अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा को व्याज पर दो लाख रूपये देने के बदले वादी की पत्नी के लगभग 140 ग्राम वजन के गहन (हार, कंगन, कान की बाली इत्यादि) गिरवी रख लेने तथा ब्याज की धनराशि प्राप्त करने के बावजूद उक्त जेवरात को वापस न करना कहा गया है एवं वादी की पत्नी द्वारा सिक्योरिटी के रूप में दिये गये चेकों में कूटरचना करके दो लाख रुपये निकालने की कोशिश करने व चार लाख रूपये रंगदारी मांगने तथा न देने पर जान से मारने की धमकी देना भी बताया गया है।अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित है। मामले में अभी विवेचना प्रचलित है।
👉अभियुक्त के द्वारा अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र में जो आधार लिये गये हैं, वे सभी नियमित जमानत प्रार्थनापत्र के हैं, जिन्हें नियमित जमानत प्रार्थनापत्र में ही विचार में लिया जा सकता है। अपराध गम्भीर प्रकृति का है। अपराध की प्रकृति एवं गम्भीरता को दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्त का अग्रिम जमानत का आधार पर्याप्त नही है। अतः अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने योग्य है।
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