✍️ गॉलब्लैडर में पथरी की जगह निकाला बच्चेदानी, मुकदमा दर्ज करने का आदेश
वाराणसी: विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट उज्जवल उपाध्याय की अदालत गॉलब्लैडर में पथरी के ऑपरेशन के नाम पर बच्चेदानी निकाले जाने के मामले में चिकित्सक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। अदालत ने यह आदेश चोलापुर निवासी गोविन्द मौर्या की ओर से दिए गये प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद दिया।
👉प्रकरण के अनुसार चोलापुर निवासी गोविन्द मौर्या ने अपने अधिवक्ता अनुराग पांडेय व संजय श्रीवास्तव के माध्यम से अदालत में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (6) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था। आरोप था कि उसकी पत्नी उषा मौर्या को 21 अप्रैल 2020 को पेट में काफी दर्द होने लगा। जिस पर उसने गांव की आशा कार्यकर्ती आशा यादव से सम्पर्क किया तो वह उसकी पत्नी को लेकर ओम हास्पिटल एण्ड सर्जिकल सेन्टर गयी। वहां हास्पिटल के हेड व मालिक डॉ. प्रवीण तिवारी ने जांच के बाद बताया कि उसके गॉलब्लैडर में पथरी है और उसका ऑपरेशन करने की बात कही। जिसके बाद 28 मई 2020 चिकित्सक ने ऊषा मौर्या के गॉलब्लैडर का आपरेशन किया व अपने हास्पिटल में एक हफ्ते तक भर्ती रखा। बाद में 70 हजार रुपए दवा व अन्य खर्च का लेकर उसे डिस्चार्ज कर दिया। इस बीच 22 मार्च 2023 को प्रार्थी के पत्नी के पेट में पुनः असहनीय पीड़ा होने लगी, तब प्रार्थी ने अपनी पत्नी को साथ लेकर उषा मेमोरियल हास्पिटल बनियापुर रिंग रोड चौराहा के समीप डाक्टर एसके तिवारी को दिखाया। जहां जांच के बाद पता चला कि पूर्व के डाक्टर प्रवीण तिवारी ने गॉलब्लैडर में पथरी का ऑपरेशन करने की जगह ऊषा मौर्या का बच्चेदानी ही काटकर निकाल दिया है। इस पर जब उसने उक्त चिकित्सक के यहां जाकर पूछताछ की तो चिकित्सक ने उसे व उसकी पत्नी को डराने के साथ ही जेल भिजवाने की धमकी देते हुए अपने अस्पताल से भगा दिया। इस मामले में पुलिस से शिकायत करने क बाद जब काई कार्रवाई नहीं हुई तो उसने अदालत की शरण ली।
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