✍️ जुगाड़ से चलती है,बनारस की गाड़िया

वाराणसी: संपूर्ण विश्व मे प्रचलित "जुगाड़" शब्द उत्तरप्रदेश के वाराणसी जिले की देन है। भारत का लगभग प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी जुगाड़ मे लगा रहता है। अगर बात की जाए तो वाराणसी में इन दिनों गाड़ी चालको द्वारा ई-चालान से बचने के लिए लोग तरह तरह के जुगाड अपनाए हुए है। आम नागरिक से लेकर सरकारी मानहित भी चालान से बचने के लिए अपने अपने तरह के जुगाड़ लगा रखे है। कुछ लोग गाड़ी के नंबर प्लेट में अल्फाबेट तो कुछ लोग तो एक नंबर गायब या नंबर चार को घिसकर एक कर दिए है। कुछ लोग तो नए नंबर प्लेट लगवाने के नाम पर पूरे नंबर प्लेट को ही रंगवा कर धड्डले से घूम रहे हैं। आश्चर्य है की कानून की व्यवस्था व पैरवी करने वाले भी जुगाड़ से चलते हैं।

अब बात की जाए अपराध जगत की तो इस तरह के फॉल्स नंबर प्लेट लगे गाडियों को ट्रेस करना व पकड़ना मुस्किल सा हो जाता है। जब से ई-चालान की व्यवस्था द्वारा चालान काटा जा रहा है तब से जुगाड़ी फॉल्स नंबर प्लेट वाले लोगो की शहर में झड़ी सी लग गई है। भले ही लोग अपने जुगाड़ में चालान से बच रहे हो,पर वो एक बड़ी घटना को बढ़ावा भी दे रहे हैं। ट्रैफिक सिग्नल से आगे जाते ही उनके गाडियों के नंबर प्लेट की फोटो तक नही क्लियर हो पाती है। धूप में खड़े ट्रैफिक कर्मी भी लाचार हो जाते है जब इस तरह के वाहन उनके सामने से तेजी से गुजर जाता है। 

समाज में बिना हेलमेट व डीएल के चल रहे लोगो को समझाकर छोड़ा जा सकता है,पर अपराध को रोकने के लिए इस तरह के जुगाड़ वाले नंबर प्लेटो वाले लोगो पर कड़ाई से प्रशासन को निपटने की जरूरत है।




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