✍️ दुष्कर्म के मामले में युवक दोषमुक्त
""अश्लील वीडियो व फोटो वायरल करने की धमकी देकर दुष्कर्म करने का था आरोप""
👉अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव, बृजपाल सिंह यादव व चंद्रबली पटेल ने पक्ष रखा।
वाराणसी: दोस्त बनकर अश्लील वीडियो व फोटो बनाकर उसे वायरल करने की धमकी देकर दुष्कर्म करने के मामले में आरोपित को राहत मिल गई। फास्ट ट्रैक कोर्ट (द्वितीय) अवधेश कुमार की अदालत ने मुकदमे के विचारण के दौरान दीनापुर, पटना (बिहार) निवासी आरोपित संतोष कुमार को आरोप सिद्ध न होने पर संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव, बृजपाल सिंह यादव व चंद्रबली पटेल ने पक्ष रखा।
👉अभियोजन पक्ष के अनुसार वाराणसी जनपद की रहने वाली एक युवती पुणे से बीएससी कर रही थी। उसी कालेज में दीनापुर, पटना (बिहार) निवासी आरोपित संतोष कुमार भी पढ़ता था। आरोप था कि पढ़ाई के दौरान आरोपित ने पीड़िता से दोस्ती की और नाइट आउट के बहाने हास्टल से बाहर ले जाकर उसे शराब पिलाकर उसके साथ अवैध संबंध बनाया और उसका अश्लील वीडियो व फोटो अपने मोबाइल में खींच लिया। इसके बाद उसने पीड़िता की अश्लील वीडियो व फोटो दिखाकर लोनावाला ले गया और वहां फिर जबरदस्ती दुष्कर्म किया। इसके बाद पुनः 26 जनवरी 2020 को मुंबई एयरपोर्ट पर मिला और वहां से जबरदस्ती हास्टल ले जाकर फिर दुष्कर्म किया और मारापीटा। इस दौरान कोरोना में पीड़िता के वाराणसी आने पर वह भी आ गया और मेरे घर वालों को मेरी अश्लील वीडियो व फोटो दिखाने की धमकी देकर एक होटल में ले जाकर मुझे मारपीटकर फिर दुष्कर्म किया। बाद में फरवरी 2021 को कालेज खुलने पर जब वहां गई तो उसके एक अन्य दोस्त ने बताया कि संतोष ने उसे उसकी अश्लील वीडियो व फोटो भेजता है। इस पर जब उसने आरोपित से पूछा तो उसने उसकी अश्लील फोटो व वीडियो कालेज के दोस्तों के ग्रुप पर भेज दिया। जिसके बाद पीड़िता ने अपने परिजनों को सूचना दी और वाराणसी आकर उसके खिलाफ लालपुर-पांडेयपुर थाने में 20 फरवरी 2021 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अदालत में विचारण के दौरान आरोप सिद्ध न होने पर अदालत ने आरोपित को साक्ष्य के आभाव में संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया।
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