✍️ चुराई हुई संपत्ति को जानते हुए अभ्यस्त ब्यापार करने के मामले में जमानत स्वीकृत
बचाव पक्ष की ओर से अदालत में फौजदारी अधिवक्ता श्रीकान्त प्रजापति व संजय कुमार विश्वकर्मा ने पक्ष रखा।
वाराणसी: अपर सत्र न्यायालय कक्ष संख्या सात के न्यायाधीश अजय कुमार की अदालत ने थाना रामनगर मे पंजीकृत अभियुक्त विष्णु कुमार चौबे पुत्र राम मनोहर चौबे निवासी ग्राम नन्दना थाना पन्नूगंज जिला सोनभद्र, हाल पता गोलाघाट थाना रामनगर जिला वाराणसी को चुराई हुई संपत्ति को जानते हुए अभ्यस्त ब्यापार करने के मामले में जमानत दे दी। बचाव पक्ष की ओर से अदालत में फौजदारी अधिवक्ता श्रीकान्त प्रजापति व संजय कुमार विश्वकर्मा ने पक्ष रखा।
👉अदालत में अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क दिया कि अभियुक्त को परेशान व बेइज्जत करने की गरज से रंजिशन उक्त मुकदमे में मुल्जिम बना दिया गया है। अभियुक्त बिल्कुल निर्दोष है उसे कथित घटना की कोई जानकारी नहीं है। अभियुक्त के ऊपर अंतर्गत धारा का जुर्म किसी भी कीमत पर नहीं बनता है। प्रार्थी अभियुक्त का कोई भी स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। अभियुक्त का कथित स्थान समय व दिनांक का न तो गिरफ्तारी है और न ही बरामदगी है। घटना दिनांक 11.08.2023 की कही गयी है जबकि सूचना रिपोर्ट 21.08.2023 को दर्ज किया गया है। थाना रामनगर की पुलिस द्वारा फर्जी बरामदगी दिखाते हुए चलान अदालत कर दिया गया। अभियुक्त के पास से किसी प्रकार की कोई बरामदगी नहीं है। ऐसी दशा में प्रार्थी अभियुक्त को जमानत मुचलके पर रिहा किये जाने की याचना की गयी।
👉अभियोजन की तरफ से जमानत प्रार्थना-पत्र का घोर विरोध करते हुए कथन किया गया दौरान विवेचना मुखबिर खास की सूचना पर उ.नि. जय प्रकाश सिंह व अन्य हमराहियो सहित मुखबिर द्वारा बताया गया स्थान पर पहुंचने पर मौके पर अभियुक्त व उसके साथ अन्य साथी को पकड लिया गया। पकड़े गये व्यक्ति ने अपना नाम अभियुक्त विष्णु कुमार तथा जमातलाशी लेने पर उसके पास से मुकदमा उपरोक्त से चोरी किये गये दो गैस सिलेन्डर एक पीतल का गंगरा तथा चोरी के अन्य सामान बेचे हुए 230/- नगद बरामद किया जाना बताया गया। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की याचना की गयी।
👉 माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्षों के तर्कों को सुना गया व पत्रावली के अवलोकन कर यह तर्क दिया गया की पत्रावली के अवलोकन से साफ होता है की प्रथम सूचना रिपोर्ट वादी मुकदमा के तहरीर के आधार पर थाना रामनगर में अज्ञात के रूप में दर्ज की गयी और दौरान विवेचना के आधार पर धारा की बढ़ोतरी की गयी। कथित बरामदगी गिरफ्तारी का कोई स्थानीय साक्षी नहीं है और न ही अभियुक्त के आपराधिक इतिहास का कोई विवरण प्रस्तुत नहीं किया गया है,के आधार पर माननीय न्यायालय द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया गया।
👉अभियोजन कथानक के अनुसार प्रार्थी प्रो राजाराम शुक्ल स्थान मकान नं 1/529, किलारोड, रामनगर वाराणसी का आवासी है। संप्रति हम लोग उक्त मकान में नहीं रहते । दिनांक 11.08.2023 को मैं घर में आया था । उक्त तिथि को सब कुछ ठीक था। किंतु दिनाक 20.08.2023 को साथ पड़ोसी एस०आई० धर्मेंद्र तिवारी ने सूचित किया कि आंगन का दरवाजा खुला है। आने पर देखा कि रोशन दान टूटा हुआ है तथा घर का सब सामान बिखरा पड़ा है। चोरी किये गये सामानों में तीन मिटर (इंडेन) पीतल का गागरा तथा कुछ तांबे व पीतल के सामान गायब है। अतः महोदय से निवेदन है कि उचित कार्यवाही करने की याचना की गयी है। वादी मुकदमा के उपरोक्त तहरीर के आधार पर थाना रामनगर में मुकदमा अज्ञात के रूप में दर्ज किया गया।
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