✍️✍️ पुलिस की रिमांड अर्जी की खारिज, आरोपितो को मिली जमानत
"मारपीट की धाराओं में बना था रिमांड"
बचाव पक्ष के अधिवक्तागण अनुज यादव, पंकज तिवारी व रोहित यादव द्वारा अदालत में पक्ष रखा गया।
वाराणसी: महिला की जमीन पर अवैध रूप से रास्ता बनाने और विरोध करने पर महिला को गालियां देते हुए मारने-पीटने के मामले में रिमांड मजिस्ट्रेट सुनिधि वर्मा की अदालत में फूलपुर पुलिस द्वारा 109, 306, 511, 147, 323, 504 के तहत रिमांड प्रस्तुत किया गया। जिस पर बचाव पक्ष के अधिवक्तागण अनुज यादव, पंकज तिवारी व रोहित यादव द्वारा यह कहते हुए रिमांड का विरोध किया गया कि आईपीसी की धारा 109, 306, 511 व 506 का कोई अपराध एफआईआर में वर्णित तथ्यों के आधार पर नहीं बनता है तथा इन धाराओं में रिमांड नही बन सकता है जिसके संबध में न्यायालय से अनुरोध की गई। कोर्ट ने एफआईआर व विवेचक द्वारा केस डायरी में संकलित साक्ष्यों को देखते हुए बचाव पक्ष के अनुरोध को स्वीकार करते हुए अभियुक्तगण का रिमांड 109, 306, 511 व 506 में निरस्त करते हुए शेष धाराओं में वारंट बनाया गया। जिसमे न्यायालय में बचाव पक्ष द्वारा शेष धाराओं में जमानत प्रस्तुत करने पर आरोपितों की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए सभी 13 आरोपितों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
प्रकरण के अनुसार फूलपुर निवासी रोहित कुमार यादव ने फूलपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि 28 अक्टूबर 2023 को सुबह 8.30 बजे गांव के ही अक्षय कुमार, बच्चालाल, सपना यादव, सुरज यादव, रामसमुझ, महेन्द्र यादव, राजेन्द्र यादव, किशन यादव, आलोक यादव, अमित यादव, मनोज यादव, विपिन पाल, राहुल यादव उसकी भूमि पर चढ आये तथा जबरदस्ती उसकी भूमि से रास्ता बनाने लगे। जब उसकी माँ पार्वती देवी ने मना किया तो गाली गुप्ता देने लगे। इस दौरान उसकी माँ को अपनी जमीन बचाने का कोई विकल्प नही सूझा तो उन्होने इन लोगो की प्रताड़ना व उकसावे में आकर खुद को आग लगी ली। जिसके पश्चात ये लोग मौके से भागने लगे। इस मामले में फूलपुर पुलिस मौके पर पहुंची और उक्त 13 लोगों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 109, 147, 323, 306, 504, 506 व 511 के तहत मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेश किया। साथ ही अदालत से सभी आरोपितों का न्यायिक रिमांड बनाने की अपील की। पुलिस के रिमांड अर्ज़ी पर बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने विरोध किया। अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद पुलिस की आईपीसी की धारा 109, 306, 511 व 506 की रिमांड निरस्त करते हुए शेष धाराओं में आरोपितों का न्यायिक रिमांड बनाया। जिसके बाद आरोपितों की ओर से दी गयी जमानत अर्जी को भी मंजूर कर लिया।
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