✍️✍️ बलात्कार के मामले में जमानत अर्जी निरस्त
वाराणसी: चेतगंज थाना में दर्ज विवाह का झांसा देकर शारीरिक शोषण करने के मामले में प्रभारी सत्र न्यायालय के न्यायाधीश सुबाष चन्द्र तिवारी की अदालत ने अभियुक्त विकास शशि पुत्र शशिधर मिश्रा निवासी ग्राम शाहपुर थाना दानापुर जिला पटना बिहार की तरफ से प्रस्तुत अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया। अभियोजन के तरफ से अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध अधिवक्ता अशोक कुमार यादव , संजय कुमार श्रीवास्तव एवम् आशीष कुमार मिश्रा ने किया तथा अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र को निरस्त किए जाने की याचना की गई।
👉अभियोजन के अनुसार पीड़िता के साथ विकास शशि मिश्रा दिसम्बर 2018 से संपर्क में था। उसने पीड़िता से विवाह का वादा करके कई बार 2019 से 2021 तक शारीरिक सम्बन्ध बनाया। दबाव बनाने पर विकास ने दशाश्वमेध घाट के शीतला मंदिर से पीड़िता के साथ विवाह कर लिया और दोनों पति पत्नी के रूप में बनारस और दिल्ली में रहने लगे। इधर बीच विकास शशि मिश्रा का चयन बिहार पंचायती राज विभाग में हो गया, तब उसने पीड़िता से दूरी बनाना शुरू कर दिया। वह जब भी विवाह की बात करती तो वह टाल देता, पीड़िता ने तंग आकर विकास शशि मिश्रा के पिता को फोन व अन्य माध्यम से बताया और मन्दिर में हुये विवाह की फोटो भी भेजा तो वे आग बबूला हो गये और गाली गलौज करने लगे और विकास ने धमकी दिया कि यदि तुम मन्दिर में हुये विवाह को लेकर चर्चा करेंगी तो हम तुम्हारी हत्या करवा देंगे। तुम्हारी भलाई इसी में है कि उक्त बातों को बुरा सपना समझकर तुम इसे भूल जाओ अब मैं अधिकारी बन गया हूँ, दहेज में मुझे करोडो रुपये मिलेंगे, तुमसे क्या मिलेंगा। इतना कहकर उसने इंटरनेट काल काट दिया। पीड़िता ने जब अपने मित्रो व सहयोगियों के माध्यम से पता कराया तो ज्ञात हुआ कि उसने दिनांक 09.02.2023 को किसी दूसरी लड़की के साथ विवाह कर लिया है। पीड़िता को सिर्फ विवाह का झांसा देकर शारीरिक शोषण किया जाता रहा तथा दहेज की लालच में दूसरा विवाह भी कर लिया।
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