✍️✍️ प्रशासनिक जज संग बार के पदाधिकारीगण ने किया परिसर का निरीक्षण

 

 वाराणसी: दी बनारस बार एसोसिएशन अध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह व महामंत्री कमलेश सिंह यादव व दी सेन्ट्रल बार एसोसिएशन अध्यक्ष मुरलीधर सिंह व महामंत्री सुरेन्द्र नाथ पाण्डेय ने माननीय न्यायामूर्ति सिद्धार्थ वर्मा (प्रशासनिक जज) उच्च न्यायालय से शनिवार को मुलाकात की। 

👉 बता दे की भूमि अध्यात अधिकारी द्वारा उपजिलाधिकारी सदर वाराणसी को प्रेषित पत्र 424 दिनांक-12-01-2024 से यह संज्ञान में आया था कि रजिस्टार जनरल उच्च न्यायालय के पत्र संख्या 1825 के अनुकम में वाराणसी न्यायालय परिसर हेतु 25 से 30 एकड़ भूमि उपलब्ध कराए जानें की बात सामने आई थी। उसी सिलसिले में बार के पदाधिकारीगण द्वारा माननीय न्यायामूर्ति सिद्धार्थ वर्मा (प्रशासनिक जज) उच्च न्यायालय से मिलकर कड़ा विरोध जताया तथा अवगत कराया कि उपरोक्त प्रस्ताव से अधिवक्ताओं में क्षोभ व रोष व्याप्त है और न्यायालय परिसर के स्थानान्तरण का प्रबल विरोध है।



👉दी बनारस बार एसोसिएशन के संयुक्त मंत्री प्रशासन मयंक मिश्र ने बताया कि बार द्वय की बाते सुनने के उपरान्त माननीय न्यायमूर्ति ने आश्वासन दिया कि वाराणसी न्यायालय का स्थानान्तरण कदापि नही होगा बल्कि वाराणसी न्यायालय परसिर का विकास इसी स्थान पर होगा तथा वाराणसी न्यायालय की प्राचीन हेरिटेज भवन के उन्नयन हेतु 14 करोड़ रूपये का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया हैं। इसके अतिरिक्त उन्होनें पूरे परिसर का भ्रमण करके नये न्यायालय भवन व अधिवक्ताओं के बैठने की व्यवस्था भी सुदृढ़ कराने का आश्वासन दिया। बार द्वय द्वारा सड़क के उस पार न्यायालय की भूमि पर अधिवक्ताओं हेतु वाहन स्टैण्ड बनाने का आग्रह बार के पदाधिकारीगण द्वारा किया गया जिस पर माननीय न्यायमूर्ती द्वारा विचार करने का आश्वासन दिया गया, माननीय न्यायमूर्ति ने माननीय उच्च न्यायालय का उदाहरण देते हुये कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के परिसर के बगल में पूर्व में सेना की भूमि थी, जिसके बदले माननीय उच्च न्यायालय की सुदुर स्थित भूमि को बदलकर सेना की भूमि को उच्च न्यायालय के परिसर में शामिल कर लिया गया। इसी प्रकार यदि शासन से कहीं कोई भूमि मिल रही है तो उसे ले लिया जाय। कालान्तर में जिला जेल वाराणसी के स्थानान्तरण की बात संज्ञान में है, यदि जनपद न्यायालय की भूमि पहले से कहीं आरक्षित होगी तो उसे बदलकर जेल की भूमि लेकर वाराणसी न्यायालय परिसर हेतु आवंटित करायी जा सकती है। उन्होने विश्वास दिलाया कि निकट भविष्य में किसी भी किमत पर वर्तमान न्यायालय परिसर का स्थानान्तरण नही होगा। माननीय न्यायमूर्ति कोर्ट मैनेजर व प्रभारी अधिकारी इन्फास्ट्रक्चर से पूरे परिसर के मानचित्र व उसमें स्थित निर्माण व अधिवक्ताओं के बैठने के स्थल को भी चिन्हांकित करते हुये प्रेषित करने का भी निर्देश दिया है। न्यायालय परिसर के निरीक्षण के दौरान बार द्वय के पदाधिकारीगण उपस्थित रहें। जिसमे मुख्य रूप से योगेश कुमार उपाध्याय (उपाध्यक्ष), विनय जायसवाल (कोषाध्यक्ष) भी रहे।




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