✍️✍️ जर्जर पेड़ बना अधिवक्ताओं व वादकारियो के लिए खतरा
"" 9 माह के अंदर 4 बार हुई घटना""
अंकुर पटेल
वाराणसी : कलेक्ट्रेट कचहरी परिसर में सालों साल पुराने पेड़ बन रहे खतरे की घंटी,इन पेड़ों का समय पर मुआयना नही किया गया तो हो सकता है बड़ा हादसा।
👉बता दे की पिछले वर्ष 12 अक्तूबर 2023 को कलेक्ट्रेट परिसर में ट्रेजरी ऑफिस के सामने विशालकाय नीम का पेड़ जो काफी पुराना बताया जा रहा था, लगभग शाम 4 बजे धराशाई हो गया था, इस हादसे में 15-20 अधिवक्ताओं की चौकी चपेट में आई, जहा 50-60 अधिवक्ता रेगुलर बैठ कर कार्य करते थे। अफरा तफरी मे कुछ अधिवक्ता को चोटे भी आई थी। कंडोलेंस के वजह से अधिवक्ताओं की संख्या सुबह से ही कम थी और शाम 4 बजे हादसा के पूर्व कुछ अधिवक्ता घर पर निकल पड़े थे, जिससे बड़ा हादसा होने से बच गया था।
👉वही दूसरी घटना 21 फरवरी 2024 मे एसीएम द्वितीय न्यायालय के सामने कलेक्ट्रेट परिसर में तड़के दोपहर में पीपल के पेड़ की एक मोटी डाल गिरी। जिससे आने जाने वाले अधिवक्ता व वादकारी बाल बाल बचे। प्रत्यक्ष दर्शियों द्वारा बताया गया कि जिस वक्त डाल गिरी उस वक्त अधिवक्ता वहा से गुजर रहे थे। भीड़ कम होने की वजह से बड़ी दुर्घटना होते होते बचा था।
👉तीसरी घटना हाल ही मे दीवानी परिसर लाल बिल्डिंग के पास 16 जून 2024 रविवार को और 👉चौथी घटना 17 जून, 2024 बकराईद के दिन कलेक्ट्रेट परिसर में विजय करण हनुमान मंदिर के ठीक सामने नीम के पेड़ का मोटा डाल गिरा, जिससे अधिवक्ताओ की बैठने और कार्य करने की चौकी क्षतिग्रस्त हो गई, उक्त दिन बकराईद छुट्टी होने के कारण बड़ा हादसा होने से टल गया।
👉बता दे की कचहरी परिसर में ऐसे बहुत से विशालकाय पेड़ है जो काफी पुराने हैं और उसमें फफोले पड़े हुए हैं। यदि समय रहते इन पर विचार न किया गया तो भविष्य में बड़ी दुर्घटना कभी भी घट सकती है।
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