✍️✍️ पुलिस वालो पर हत्या का प्रयत्न व सरकारी कार्य में बाधा डालने के मामले में, जमानत मंजूर
""बचाव पक्ष की ओर से अदालत में अधिवक्ता हरिकेश गुप्ता ने पक्ष रखा""
👉 अभियोजन के अनुसार वादी मुकदमा हे०कां० पप्पू कुमार,होम गार्ड सुरेन्द्र पटेल के साथ ड्यूटी पर तैनात था। दिनांक 01-08-2024 को समय 19.03 बजे कालर बबलू कुमार ने बताया कि विपक्षी के द्वारा लाठी डण्डे के साथ मारपीट की गयी है, सिर में चोट आयी है। इस सूचना पर वादी मुकदमा मय हमराह सुरेन्द्र पटेल के साथ मौके पर पहुंचा तो कालर बबलू कुमार घायल अवस्था में मिला जिसने बताया कि मेरे साथ मारपीट करने वाले कुछ दूर आगे ग्राम घुघरी पर मौजूद है। वादी पीड़ित बबलू के साथ घुघरी पहुंचा तो वहां पर मौजूद लोगो से पूछताछ कर रहा था कि एकाएक प्रखर उपाध्याय व मंगरू उर्फ बृजेश तिवारी तथा इनके दो अन्य साथी एक राय होकर लाठी डण्डे व ईंट पत्थर से जान से मारने की नियत से हमला कर दिये तथा दोनों के सिर पर वार किये। वादी ने अपनी गर्दन पीछे कर लिया तथा उसकी नाक पर गभीर चोट आयी। वह मौके पर बेहोश हो गया तथा सुरेन्द्र पटेल को भी चोट आयी। मोके पर अफरातफरी का माहौल हो गया लोग इधर उधर भागने लगे। दुकानदारों ने डरवश अपनी दुकाने बंद कर ली। उपरोक्त लोगों द्वारा सरकारी कार्य में बाधा डाली गयी।
👉 अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क दिया गया है कि उसे झूठा फंसाया गया है। वास्तविकता यह है कि अभियुक्त टैम्पू चलाता है और प्रखर उपाध्याय भी ड्राईवरी करता है जिसके कारण दोनो का आपसी संबंध व मेल मिलाप रहा है। पुलिस को कहीं से जानकारी हुई कि मंगरू, प्रखर उपाध्याय के विषय में बता सकता है तो पुलिस जानकारी व पूछताछ करने के लिए अभियुक्त को ले गयी और 03 घण्टे तक घुमाती रही तथा अभियुक्त द्वारा पुलिस वालों से सवाल जवाब करने पर उसे उक्त मुकदमे में फंसा दिया गया है। अभियुक्त को किसी व्यक्ति ने मारपीट करते नहीं देखा है और न ही उसे इस घटना के विषय में कोई जानकारी है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। घायल सिपाही से उसका कोई वास्ता सरोकार नहीं है। वह निर्दोष है।
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