✍️✍️ दलित की जमीन धोखाधड़ी कर कब्जा करने का मामला, कोर्ट ने दिया मुकदमा दर्ज करने का आदेश
वाराणसी: धोखाधड़ी व कूटरचना करते हुए दलित की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने के मामले में अदालत ने दंपति व उसके 6 पुत्रों के खिलाफ अदालत ने कैंट थाना प्रभारी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) अनिल कुमार पंचम की अदालत ने यह आदेश वादी राम उजागिर सोनकर की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद दिया।
""पीड़ित ने अपने अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव व चंद्रबली पटेल के जरिये अदालत में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था""
👉 प्रकरण के अनुसार मड़ाव, रोहनिया निवासी राम उजागिर सोनकर ने अपने अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव व चंद्रबली पटेल के जरिये अदालत में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था। आरोप है कि उसने अपने गांव के मुसहर जाति के सदस्य शिवमूरत, रामचन्दार एवं श्रीनाथ से मड़ाव, रोहनिया में स्थित आराजी नम्बर 217/2 रकबा 4400 वर्गफीट जमीन 27 जून 2008 को बैनामा कराया था। जब उक्त जमीन की नामांतरण प्रक्रिया प्रारंभ हुई तो उसे पता चला कि उसके गांव की पिछड़ी जाति की महिला श्यामरथी ने शिवमूरत, रामचन्दर, श्रीनाथ के पिता देऊ से एक रजिस्टर्ड इकरारनामा 06 जनवरी 1995 को आराजी संख्या 271 रकबा 20 डिसमिल मौजा मड़ाव, रोहनिया, का अपने पक्ष में तहरीर कराया तथा रजिस्टर्ड टिटिम्मा दिनांकित 04 जून 1997 के द्वारा रजिस्टर्ड सट्टा इकरारनामा दिनांक 06 जनवरी 1995 आराजी संख्या 271 की जगह आराजी संख्या 217 पढ़े जाने के लिए किया गया। जिसका अवलोकन करने पर पता चला कि उक्त प्रपत्र पर देऊ का तो नाम लिखा है परन्तु जालसाजी एवं कूटरचना करते हुए इस टिटिम्मा प्रपत्र पर फोटो श्यामरथी के पति पन्नालाल का लगा हुआ है। उसके गांव की श्यामरथी व उसके पति पन्नालाल ने कूटरचित प्रपत्रों के आधार पर सहायक चकबन्दी अधिकारी से मिलीभगत करके आराजी संख्या 217 पर अपना नाम अंकित करा दिया था, लेकिन प्रार्थी ने आदेश के खिलाफ अपील की, जिसके बाद उनका नाम निरस्त कर प्रार्थी का नाम अभिलेखों में दर्ज कर दिया गया। इस दौरान धोखाधड़ी, झूठ, कपट एवं कूटरचना करते हुए मौके पर प्रार्थी की जमीन पर श्यामरथी एवं पन्नालाल तथा उनके पुत्रगण जयप्रकाश, विजय प्रकाश, ओमप्रकाश, बृजमोहन, धर्मराज एवं कृष्ण मोहन जबरदस्ती कब्जा किये हुये हैं तथा प्रार्थी जब भी अपनी जमीन पर जाता है तो उपरोक्त सभी लोग उसे जान से मार डालने की धमकी देते है तथा मारपीट पर अनादा रहते हैं। इतना ही नहीं विपक्षियों ने 28 मई 2024 को 5 बजे सायं जब प्रार्थी नाथुपुर, डीएलडब्लू पर चढ़ आये और मुकदमे में पैरवी करने पर गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी देने लगे। शोर सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचकर बीचबचाव किये।
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