✍️✍️ महिला अधिवक्ता को एसडीएम द्वारा हिरासत में रखने का आरोप, अधिवक्ताओं का हंगामा


"महिला अधिवक्ता का आरोप एसडीएम के नाम पर एक लाख रूपए की मांग को कंफर्म के लिए पहुंची थीं एसडीएम चैंबर"

"एसडीएम बोले लिफाफा देने का प्रयास कर रही थी महिला अधिवक्ता"

वाराणसी: बृहस्पतिवार को सदर तहसील में एक महिला अधिवक्ता को दो घंटे तक एसडीम द्वारा हिरासत में रखे जाने का आरोप लगाकर अधिवक्ताओं ने जबरदस्त नारेबाजी व हंगामा किया। सूचना पाकर युपी बार काउन्सिल के सदस्य व सेंट्रल बार, बनारस बार के पदाधिकारी सहित कई अधिवक्ता भी मौके पर पहुंचे। हंगामे के दौरान एडीएम सिटी की मौजूदगी में एसडीएम सदर के कार्यालय में अधिवक्ताओं के संग बैठक हुई। जिसमें एक दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप लगाया गया।

 👉 एसडीएम सार्थक अग्रवाल का कहना था कि महिला अधिवक्ता लिफाफा देने का प्रयास कर रही थी। 

👉लेकिन पीड़ित महिला अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि एक फाइल जो की अपील में थी जिसमें पूर्व में लिखित व मौखिक बहस हो चुकी थी आदेश आना बाकी था जो काफी समय बीतने के बाद उनके क्लाइंट के द्वारा उस फाइल के बारे में बार-बार पूछे जाने पर उस फाइल की जानकारी लेने के लिए वहा के पेशकर को फोन किया पूछा साहब है तो मैं आकर बात कर लू, उन्होंने कहा मैडम आप बात करना हो तो कर लिजिए लेकिन अभी आठ दस दिन और लगेगा। मैं अदालत में पहुंचकर देखा तो उक्त समय पेशकार नही थे, कोर्ट में पुकार करने वाले बाबू से कहा की मुझे एसडीएम साहब से मिलना है उन्होंने कहा उधर से जाकर मिल लीजिए। महिला अधिवक्ता आगे बताया कि किसी के मार्फत उनको सुचना आया था कि फाइल आदेश के लिए एक लाख की डिमांड है, यही कंफर्म के लिए वह वहा गई थी की इतना रुपया आदेश के लिए कोई व्यक्ति कहा से दे पाएगा, लेकिन इस बात की चर्चा तक नहीं हुई,पैसा के विषय में कोई भी किसी प्रकार भी चर्चा नहीं हुआ,एसडीएम के चेंबर में जानें पर एसडीएम ने हमसे पूछा आपका कौन सा केस है,कौन सा मामला है, मैंने बताया की सर इतने दिन से फाइल ऑर्डर में लगा हुआ है हमारे गुरुजी भेजे है कब तक आदेश करेंगे, बोले कौन सी फाइल है, मैने बताया तो पेशकार को बुलाकर कहा इनकी फाइल लाओ अभी मैं खारिज करूंगा, कैसे ये यहां आ गई, इनको तुरंत कस्टडी में लो, मैंने रिक्वेस्ट भी किया फाइल खारिज न करे। लेकिन हिरासत में लेकर बाहर बैठा दिया गया। दो घंटे तक मुझे बैठाया गया। महिला अधिवक्ता का कहना है कि उन्हें टॉयलेट तक नहीं जाने दिया गया और बैठाया रखा। वहा पर उपस्थित अधिवक्ताओं ने बताया कि खुद को हिरासत में लिए जाने की जानकारी उन्होंने अपने साथियों को दी जिससे सूचना पाकर बनारस बार के पदाधिकारी के साथ यूपी बार काउंसिल के सदस्य एवं काफी संख्या में अधिवक्तागण भी मौजूद पर पहुंच गए। इस दौरान अधिवक्ताओं के हंगामे की सूचना पाकर शिवपुर और कैंट थाने की फोर्स के साथ एसीपी कैंट विदुष सक्सेना और एडीएम सिटी आलोक वर्मा भी सदर तहसील पहुंचे। अधिवक्ताओं और अफसर के बीच हुई बैठक में एक दुसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप लगाया गया,मामले को शांत कर एडीएम सिटी ने दोनों पक्षों को समझा बुझाकर मामले का निबटारा कराया।

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