✍️✍️ पत्नी के पक्ष में एकपक्षिय डायवोर्स का हुआ आदेश

 

वाराणसीअपर प्रधान परिवार न्यायालय के न्यायाधीश तृतीय की अदालत ने याची कुशुम देवी पत्नी इन्द्रेव पुत्री स्व० सम्पत विश्वकर्मा निवासिनी ग्राम-बोंसडीह, अहरौरा, जनपद-मिर्जापुर, हालपता-मां वैष्णो विहार कॉलोनी, बेटावर करौंदी. रोहनिया, वाराणसी की ओर से प्रस्तुत माननीय न्यायालय में याचिका अंतर्गत धारा 13 हिविअधि प्रस्तुत की गई है की याचिका का विवाह इंद्रदेव विश्वकर्मा के साथ दिनांक 27.05.2003 को हिंदू धर्मशास्त्र व रीति रिवाज के अनुसार संपन्न हुआ था। याची विवाहोपरांत विदा होकर अपने ससुराल गई और प्रत्यार्थी के साथ बतौर पत्नी धर्म का पालन करने लगी । याची एवं प्रत्यार्थी से एक पुत्री स्वाति 17 वर्ष व एक पुत्र शिवम 14 वर्ष पैदा हुए। प्रत्यार्थी पुत्री पैदा होने के बाद से ही वाराणसी में किराये का मकान लेने के बाद आए दिन शराब पीकर याची एव बच्चो को मरता पिटता था। प्रत्यार्थी द्वारा याची के स्त्रीधन को भी अपने पास रख लिया गया। जब याची अपना स्त्रीधन मांगती तो प्रत्यार्थी उसे मरता पिटता था। इसी दौरान वर्ष 2014 में याची द्वारा प्रत्यार्थी को मात्र पहने हुए कपड़े में पुत्र व पुत्री को मार पीट कर घर से निकल दिया। याची में उक्त सूचना अपने मायके को दी जिसके बाद मायके वालों ने उक्त घटना बाबत लिखित सूचना निकटतम थाने को दी । याची माता पिता व भाई ने बच्चो के भविष्य को देखते हुए मां वैष्णो बिहार कॉलोनी बेटवार (रोहनिया) वाराणसी में एक छोटा प्लाट आधा विस्वा से कम का दिला दिए तथा तथा बैंक में ऋण लेकर दो कमरे का निर्माण भी करवाया जहां याची अपने बच्चों के साथ रह रही है याची व उसके बच्चो का फीस व बैंक का ऋण इत्यादि मायके वालों द्वारा ही दिया जा रहा है।

👉 बता दें कि याची के पति न्यायालय में उपस्थित न होने कारण याची के पक्ष में माननीय न्यायालय द्वारा एकपक्षीय डायवोर्स का आदेश पारित किया गया,याची की ओर से अधिवक्ता अक्षय द्विवेदी ने पैरवी की।

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