✍️✍️ बीएचयू छात्र को मिली अग्रिम जमानत


""ट्रामा सेंटर में तोड़फोड़ व कार्य बाधित करने का मामला""

वाराणसी: सत्र न्यायालय के न्यायाधीश संजीव पांडेय की अदालत ने थाना लंका में दर्ज ट्रामा सेंटर में तोड़फोड़ करने व कार्य बाधित करने के मामले में बीएचयू छात्र अतुल कुमार तिवारी थाना कसीमाबाद ग़ाज़ीपुर निवासी की ओर से प्रस्तुत अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए अग्रिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

""अदालत में बचाव पक्ष कि ओर से अधिवक्ता प्रशांत पांडेय व अनुराग सिंह ने पक्ष रखा""

👉 अभियोजन के अनुसार वादी सुरेन्द्र सिंह ने लंका थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी कि वह ट्रामा सेन्टर बी०एच०यू० में प्रतिदिन की भांति रात्रिकाल में आपातकालीन क्षेत्र में गम्भीर रूप से दुर्घटनाग्रस्त/जख्मी मरीजों का विभिन्न इकाईयों के डॉक्टर्स एवं कर्मचारियों के द्वारा चिकित्सकीय जांच एवं उपचार किया जा रहा था, परन्तु अचानक सैकड़ों की तादाद में बाहरी आज्ञात लोगों ने इमरजेन्सी में हिंसक माहौल पैदा कर कर्मचारीगणों को मारने के लिए दौड़ा लिया, जिससे मौजूदा स्टाफ को जान बचाने हेतु गम्भीर मरीजों को छोड़कर जान बचाने के लिए भागने को मजबूर होना पड़ा, जिससे आपातकालीन क्षेत्र में हिंसक एवं भय की स्थिति उत्पन्न हो गई तथा कार्य 2 घंटे बाधित हो गया।

👉 अभियुक्त कि ओर से अदालत में विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क दिया गया कि प्रथम सूचना रिपोर्ट में घटना का दिन व समय अंकित नहीं है और ना तो प्रार्थना पत्र में किसी स्वतंत्र साक्षी का नाम ही अंकित है। अज्ञात लोगों ने किस हथियार से तोड़फोड़ किया और क्या-क्या वस्तुएं टूटी इसका कोई उल्लेख विवेचक द्वारा नहीं किया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट तीन दिन विलंब से पंजीकृत कराई गई है। विवेचक द्वारा ऐसे साक्षीगण का बयान लिया गया है जो एक दूसरे से संबंधित विभागीय लोग हैं, जिनका हित एक दूसरे के प्रति प्रतिबद्ध है।

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