✍️✍️ सुप्रसिद्ध कपड़ा व्यवसायी शोरुम मालिक के प्रार्थना पत्र पर कोर्ट ने सारनाथ थानाध्यक्ष को मुकदमा दर्ज करने का दिया आदेश


वाराणसी
: न्यायिक मजिस्ट्रेट सुश्री जयति की अदालत ने आवेदक गौतम कुमार पाल की ओर से प्रस्तुत प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा 173(4) बीएनएसएस पर सुनवाई करते हुए थानाध्यक्ष सारनाथ को आदेशित किया की प्रार्थना पत्र में वर्णित घटना के संबंध में समुचित धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर नियमानुसार विवेचना कराया जाना सुनिश्चित करें। 

👉बता दें कि आवेदक ने अपने अधिवक्ता अमन राज गुप्ता व पवन कुमार गुप्ता के जरिए धारा 173(4) बीएनएसएस माननीय न्यायालय में दाखिल किया था।

👉 आवेदक द्वारा प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा 173(4) बीएनएसएस में कहा गया कि प्रार्थी एक सीधा-साधा नागरिक है। प्रार्थी का आशापुर चौराहे पर कपड़े का शोरूम है, जिसे खुले एक वर्ष हुआ है, जिसमें रेनू गिरि नामक एक महिला कर्मचारी के रूप में कार्यरत थी। जिसे प्रार्थी ने वर्तमान समय में निकाल दिया है। विपक्षी रेनू गिरि ने एक दिन षड्‌यन्त्र पूर्वक प्रार्थी को बताया कि मेरी पुत्री बीमार है तथा यह कहकर रोने लगी और अपनी माँ रीता गोस्वामी से प्रार्थी की बात करायी, रीता गोस्वामी के अनुनय-विनय पर प्रार्थी द्वारा रेनू गिरि के पुत्री का दवा इलाज कराया गया और उसे उसके मकान पर छोड़ा गया। तब विपक्षी रेनू गिरि धन्यवाद कहने के बहाने प्रार्थी के करीब आकर उसके साथ सेल्फी फोटो ले लिया और उस फोटो को सोशल मिडिया पर अपलोड करने लगी। उक्त बात की जानकारी जब प्रार्थी को हुई तो प्रार्थी द्वारा विपक्षी रेनू गिरि से इसका विरोध किया गया। जिस पर विपक्षी रेनू गिरि ने प्रार्थी की सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने का भय दिखाया और रूपयों की मांग करने लगी। जिसके बाद प्रार्थी ने कहा कि तुम अपना हिसाब करके कहीं और नौकरी देख लो, उक्त बात सुनकर विपक्षी रेनू गिरि आग बबूला हो गयी तथा कहने लगी कि अगर नौकरी से निकाला तो तुम्हें ऐसे झूठे मुकदमे में फसाऊँगी की जीवन बर्बाद हो जायेगा। प्रार्थी विपक्षी के उक्त बात से डर गया और अपना तथा परिवार की लाज बचाने हेतु विपक्षी रेनू गिरि को लगभग मु०-1,00,000/-रु० अतिरिक्त दे दिया लेकिन विपक्षी रेनू गिरि का लालच बढ़ता गया और वह प्रार्थी से तरह-तरह की मांग करने लगी। दिनांक 30.08.2024 को विपक्षी रेनू गिरि की मां रीता गोस्वामी व बहन रानी गोस्वामी, भाई दिनेश गोवामी उर्फ गोलू एक राय होकर षड्यन्त्र के साथ प्रार्थी के पास फोन किये और प्रार्थी से कहने लगे कि यदि तुम चाहते हो कि तुम्हारा मान सम्मान बना रहे तो रेनू गिरि की आशापुर वाराणसी में जमीन दिलवा दो और उस पर मकान बनवा दो। रेनू गिरि हमेशा के लिए तुम्हारा पीछा छोड़ देगी। प्रार्थी उक्त बात सुनकर हतप्रभ रह गया और मानसिक असवाद में रहने लगा। उपरोक्त वार्तालाप की काल रिकार्डिंग प्रार्थी के पास मौजूद है। प्रार्थी को बाद में ज्ञात हुआ कि विपक्षीगणों का संगठित गिरोह है जो इस तरह लोगों को फंसाकर धन उगाही का कार्य करते हैं। उसके बाद प्रार्थी ने विपक्षी रेनू गिरि को स्पष्ट मना कर दिया और अपने शोरूम से निकाल दिया जिस पर दिनांक 02.09. 2024 को सायं में विपक्षीगण एक साथ प्रार्थी के शोरूम पर आये और कहने लगे कि अगर तुमने जमीन और दुकान की व्यवस्था नहीं किया तो बलात्कार जैसे झूठे मुकदमे में फसाकर जीवन खराब कर दूंगी और उपरोक्त लोग हमारे स्टाफ से भी झगडा व गाली-गलौज, करने लगे। उक्त समस्त घटना की वीडियो फूटेज प्रार्थी के पास हैं। प्रार्थी द्वारा उपरोक्त समस्त घटना की सूचना स्थानीय थाना सारनाथ वाराणसी पर दिया गया और दिनांक 02.09.2024 को श्रीमान पुलिस आयुक्त वाराणसी से मिलकर उक्त घटना के सम्बन्ध में प्रार्थना पत्र दिया और जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो पुनः दिनांक 15.09.2024 को पुलिस आयुक्त वाराणसी को डाक के माध्यम से सुचना दिया।

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