✍️✍️ चर्चित शाइन सिटी मामले में अभियुक्त की जमानत अर्जी निरस्त

वाराणसी: विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के न्यायाधीश शैलेंद्र सिंह की अदालत ने थाना कैंट में दर्ज धोखाधड़ी व जालसाजी के मामले में विवेकखण्ड थाना गोमती नगर जिला लखनऊ निवासी अभियुक्त चमन लाल दिवाकर पुत्र स्वर्गीय सोनेलाल की ओर से उक्त न्यायालय में दो अलग-अलग दो क्राइम नंबर में जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था,जिसको माननीय न्यायालय द्वारा दोनों जमानत प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया गया।

""अदालत में जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध एडीजीसी क्रिमिनल रोहित मौर्य ने किया""


👇दोनों क्राइम नंबर के अभियोजन का विवरण

👉 मुकदमा संख्या 451/2022 में वादिनि मुकदमा प्रियंका मिश्रा ने थाना कैण्ट, वाराणसी में तहरीर दिया कि शाइन सिटी कं० जिसके एम०डी० राशिद नसीम व आरिफ नसीन तथा सूर्योदय काम्प्लेक्स सिकरौल वाराणसी में स्थित कार्यालय को डायरेक्टर अमिताभ श्रीवास्तव संचालित करते थे। उसने प्रमोद पाठक के कहने पर झांसे में आकर उक्त कम्पनी के प्रोजेक्ट माउण्टेन हैवन प्लाट सी-71 मडियाउ मिर्जापुर हेतु प्रमोद को 40 हजार रुपए कैश दिया और उसके कहने पर साइन सिटी के अकाउंट में 3 लाख 93 हजार 986 रुपए जमा करके खरीदा था। योजना का समय पूरा होने के बाद भी उसे न प्लाट की रजिस्ट्री किया गया और न ही एक भी पैसा वापस प्राप्त हुआ। उपरोक्त सभी लोगों ने मिलकर उसके साथ धोखाधड़ी किया है। उपरोक्त प्रार्थना पत्र के आधार पर थाना कैण्ट वाराणसी में अभियुक्त सहित तीन अन्य सह अभियुक्तों के विरुद्ध धारा- 420, 406 भा०८०सं० के अन्तगत दर्ज की गयी। विवेचना के उपरान्त अभियुक्त सहित अन्य सह अभियुक्तों के विरूद्ध आरोप पत्र धारा- 409, 420 467, 468, 471, 120बी भा०दं०सं० के अन्तर्गत न्यायालय में प्रेषित किया गया है।


👉 वही मुकदमा संख्या 244/2022 में वादी मुकदमा अमलेन्द्र दूबे ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, वाराणसी के न्यायालय में प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 156 (3) द०प्र०सं० प्रस्तुत किया था कि उसने साईन सिटी प्रापरटीज प्राईवेट लिमिटेड विपुल खण्ड गोमती नगर लखनऊ के वर्तमान शाखा जे०पी० मेहता इण्टर कालेज के आगे सूर्योदय काम्प्लेक्स क्लब रोड वाराणसी जो आवासीय कालोनी बनाने के लिए मौजा देउरीकला तहसील व जिला मिर्जापुर के प्लाटिंग के विज्ञापन पर अभियुक्तगण के माउन्टेन हीवेन डी प्लाट नम्बर एफ5 ब्लाक नम्बर एफ 1000 वर्गफीट का एक प्लाट बुक कराया, जिसके बायत उक्त कम्पनी में अधिकृत हस्ताक्षरी आशीष कुमार वर्मा व अनूप सिंह ने दिनांक 15 जुलाई 2015 को एक अनुबंध पर हस्ताक्षर कर उपरोक्त प्लाट आवंटित कर अग्रिम धनराशि प्राप्त किया। प्रार्थी ने विभिन्न तिथियों में चेक के माध्यम से कुल 62500/- रूपये उपरोक्त कम्पनी को दिया। इसके अलावा विभिन्न तिथियों पर शेष रूपये किस्तों में जमा कर कुल 1,45,860/- रूपये का भुगतान उक्त प्लाट के बावत दिनांक 12 जुलाई 2019 तक कर दिया, परन्तु बार-बार आग्रह किये जाने के बाद भी अनुबंध में वर्णित शतों के तहत अभियुक्तगण ने न तो प्लाट दिया और न ही प्रार्थी द्वारा दिया गया रूपया ही वापस किया। वादी मुकदमा द्वारा प्रस्तुत उपरोक्त प्रार्थना पत्र पर न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वाराणसी द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में थाना कैण्ट, वाराणसी में प्रस्तुत मामले की प्रथम सूचना रिपार्ट आशीष कुमार वर्मा तथा अनूप सिंह के विरूद्ध धारा 420, 406 भा०दं० सं० के अन्तर्गत पंजीकृत किया गया। विवेचना के दौरान प्रार्थी / अभियुक्त का नाम अन्य सह अभियुक्तों के साथ प्रकाश में आने पर संकलित साक्ष्यों के आधार पर प्रार्थी / अभियुक्त सहित अन्य सह अभियुक्तों के विरूद्ध आरोप पत्र धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120बी भा०दं०सं० के अन्तर्गत न्यायालय में प्रेषित किया।

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