✍️✍️ पत्नी समेत तीन के खिलाफ़ मुकदमा दर्ज करने का आदेश,संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत का मामला

 

वाराणसी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मुकेश कुमार की अदालत ने संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में रमाकांत नगर कालोनी, सिगरा निवासिनी मृतक की पत्नी स्नेहलता, सास ममता पांडेय व साला रंगनाथ पांडेय के विरुद्ध सिगरा थानाध्यक्ष को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। 

👉 बड़ी पियरी थाना चौक निवासी आवेदक प्रशांत मिश्रा ने अपने अधिवक्ता अभिषेक कुमार दुबे के माध्यम से कोर्ट में बीएनएसएस की धारा 173 (4) के तहत प्रार्थनापत्र दिया था। आवेदक का आरोप है कि उसका सगा छोटा भाई योगेश मिश्र, रमाकान्त नगर कालोनी में किराये के मकान में अपनी पत्नि स्नेहलता व पुत्र के साथ रहता था। उसके भाई योगेश मिश्रा का उसकी अपनी पत्नी स्नेहलता से पारिवारिक विवाद चल रहा था। जिसके बाबत परिवार न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन है। 12 मार्च 2025 को सुबह 5 बजे प्रार्थी की भांजी शिवांगी के मोबाईल पर स्नेहलता ने फोन करके बताया कि योगेश की मृत्यु हो गयी है। इस बात की सूचना मिलने पर घरवालों में प्रार्थी के जीजा दिलीप तथा प्रार्थी की मां व स्टाफ लालू मौके पर पहुँचे। प्रार्थी शहर से बाहर होने के कारण तत्काल नहीं पहुँच पाया था। जब प्रार्थी के घर वाले मौके पर पहुँचे, तथा देखा कि उसका भाई योगेश की लाश जमीन पर पड़ी थी और गले में निशान था और मौके पर मौजूद स्नेहलता और उनकी मां ममता पाण्डेय तथा भाई रंगनाथ पाण्डेय बार-बार कह रहे ये पता नहीं कैसे मर गये, रात में तो अच्छे खासे सोये थे, सुबह देखा तो मरे हुए थे। उपरोक्त लोग बार-बार शव को यहाँ से हटाकर अपने घर ले जाने के लिये दबाव बना रहे थे और तुरन्त अन्तिम क्रिया करने पर आमादा थे। उन लोगों के बहुत दबाव देने घर मृतक योगेश का शव लेकर प्रार्थी के घरवाले अपने घर पर आये व थाना सिगरा में भी घटना का सूचना दिया, जिस पर पुलिस वाले भी टालमटोल करने लगे और मामले की रफा-दफा करते पर दबाच बनाने लगे। काफी प्रयास व उच्चाधिकारियों से सम्पर्क करने के पश्चात् शाम 05:30 बजे सिगरा पुलिसकर्मी प्रार्थी के घर पर आये व शव को अपनी कस्टडी में लेकर गये। 13 मार्च 2025 को प्रार्थी के भाई का पोस्टमार्टम पुलिस द्वारा करवाया गया, जिसमें मृत्यु का कारण फांसी से कहा गया है। प्रार्थी के भाई के फोन से भी छेड़छाड़ की गयी है। प्रार्थी के भाई का न तो किसी से विवाद था. बल्कि प्रार्थी के भाई के खाते में आया हुआ 6,00,000/-रूपया भी नदारद है। प्राथी के भाई की मृत्यु काफी संदिग्ध है, यदि प्रार्थी के भाई ने फांसी लगाई तो मौके पर से न तो कोई रस्सी मिली तथा मौके पर मौजूद स्नेहलता ने मौके पर मौजूद पत्रकारों से स्वयं कहा है. मुझे नहीं पता यह कैसे कर गये, जबकि वह स्वयं घर में मौजूद थी, जबकि आत्महत्या का कारण भी मौजूद नहीं है। प्रार्थी को युक्तियुक्त रूप से आशंका है कि प्रार्थी के भाई की मृत्यु असामान्य परिस्थितियों में हुई है, जिसकी जाँच आवश्यक है। प्रार्थी ने थाना सिगरा में आवेदन दिया व कई बार पुलिस कमिश्नर के यहाँ भी आवेदन दिया व रजिस्टर्ड पत्र भी प्रेषित किया, परन्तु कोई कार्यवाही नहीं की गयी, उल्टे थाने से कहा गया कि आप न्यायालय से मुकदमा दर्ज कराईये, तभी कोई कार्यवाही होगी। तब आवेदक थक हारकर न्यायालय की शरण की।

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