✍️✍️ षड्यंत्र व धोखाधड़ी कर कूटरचित दस्तावेज व एससी/एसटी एक्ट के मामले में जमानत अर्जी निरस्त

 

वाराणसी: विशेष न्यायालय (एससी/एसटी एक्ट) के न्यायाधीश देवकांत शुक्ला की अदालत ने थाना शिवपुर में दर्ज षड्यंत्र व धोखाधड़ी कर कूटरचित दस्तावेज व एससी/एसटी एक्ट के एक मामले में ग्राम लालपुर चांदमारी थाना शिवपुर निवासी अभियुक्त त्रिलोचन यादव पुत्र स्व राजनाथ यादव की ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया। 

""अदालत में जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध फौजदारी अधिवक्ता श्याम सुंदर चौरसिया व विकास सिंह ने किया""

👉 अभियोजन कथानक के अनुसार वादिनी मुकदमा द्वारा इस आशय की तहरीर क्षेत्राधिकारी, कैण्ट, वाराणसी को दी कि वादिनि मीरा कुमारी पत्नी मनीष कुमार पंकज के पति को दिनाक 07/07/2015 को चार भाई बेचन यादव, त्रिलोचन यादव छोटेलाल व बच्चे लाल के द्वारा 2108 वर्ग फीट की रजिस्ट्री आराजी न० 520 में की गयी जो कि 36 लाख रुपये में किया गया था। जिसमे नौ लाख पचास हजार रुपया एकाउण्ट में और बाकी छब्बीस लाख पचास हजार रुपया लोन के द्वारा दिया गया जब मनीष कुमार पंकज ने दाखिल खारिज के लिए आवेदन दिया तो उन्हें पता चला कि ये जमीन किसी और की है। आराजी न० 520 में इन चारों भाईयों का हिस्सा 33 एयर था जो कि लगभग 3 बिस्वा होता है, परन्तु इन चारों भाईयों ने वादिनी के पति मनीष कुमार पकज को जमीन बेचने से पहले सन् 2012 में सतोष पाल की पत्नी सुनीता पाल को बेच चुके थे अपना पुरा हिसा 3 विस्वा उसके बाद इन्होंने उस जमीन के दाखिल खारिज होने से पहले चारों भाईयों बेचन, त्रिलोचन, छोटेलाल बच्चे लाल ने राजू को बेच दी। अपना हिस्सा बताकर 2 विस्वा 2014 में दो भाई बेचन, छोटे लाल ने इन्दु देवी को उसी जमीन को तिबारा 1 विस्वा बेच दिये और दो भाई त्रिलोचन बच्चेलाल ने 1 विस्वा अखिलेश सिंह को बेच दी। इस तरीके से उन्होंने पूरी आराजी 520 अकेले ही बेच दी, जबकि उनका हिस्सा 1/3 है। फिर 7 जुलाई 2015 को चारों भाई ने कूटरचना करके वादिनी के पति मनीष कुमार पकज को आराजी 520 में रकबा 2708 वर्गफीट की रजिस्ट्री झूठ बोलकर की। ये जमीन हमारी कहकर कूटरचित तरीके से बेच दी। वादिनी के पति नेवी में कार्य करने की वजह से घर से दूर रहते हैं। वादिनी को अब ना जमीन मिल रही है ना पैसा और वादिनी इस जमीन को खरीदने के लिए मु० 27,40,000/- रु० का लोन डी०एच०एफ०एल० से लोन कोड 1290 लिया था जिसमें उन्होंने 22 लाख रुपये जमा कर दिये हैं और 24 लाख देना बाकी है। पैसा या जमीन माँगने पर चारों भाईयों द्वारा गाली, गलौज और झगड़ा किया जाता है और त्रिलोचन यादव तो जान से मारने की धमकी देता है। और इन चारों भइयों ने सुलह कराने के नाम पर 4 लाख और ले चुके हैं।

Comments

Popular posts from this blog

✍️✍️ बार के अभियान में कुछ पकड़े गए, कुछ चेकिंग देख कुर्सी छोड़ हुए फरार

✍️✍️ अधिवक्ता पर दरोगा का जानलेवा हमला, ट्रॉमा सेंटर में भर्ती – वकीलों में उबाल

✍️✍️ अम्बियामंडी क्षेत्र में हुई घटना के आरोपी समाजवादी पार्टी के नेता कि जमानत मंजूर