✍️✍️ पुलिसिया उत्पीड़न के विरोध में अधिवक्ता समाज में आक्रोश, कार्य बहिष्कार और धरने का निर्णय, सीपी ने एसआईटी गठित कर जांच करने का दिया आश्वासन
बताया जा रहा है कि अधिवक्ता अरविन्द कुमार वर्मा न्याय की गुहार लेकर चौकी पर पहुंचे थे, जहां चौकी इंचार्ज ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। विरोध करने पर उन्हें गंभीर धमकियाँ भी दी गईं। घटना के विरुद्ध अधिवक्ता द्वारा 16 जून 2025 को संबंधित दरोगा के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई।
एफआईआर के बाद पुलिस द्वारा पेशबंदी करते हुए अधिवक्ता के विरुद्ध ही एक फर्जी मुकदमा – अपराध संख्या 162/2025 – दर्ज कर दिया गया, जिसमें कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। इसे लेकर अधिवक्ता समाज में आक्रोश चरम पर है।
इस घटना के विरोध में आज सेंट्रल बार एसोसिएशन, बनारस की आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें सर्वसम्मति से निम्नलिखित निर्णय लिए गए:
👉1. अधिवक्ता के विरुद्ध दर्ज फर्जी मुकदमा तत्काल समाप्त किया जाए।
👉2. सभी थानाध्यक्षों व चौकी इंचार्जों को अधिवक्ताओं व आम नागरिकों से संवैधानिक ढंग से व्यवहार करने का निर्देश दिया जाए।
👉 3. हरहुआ व बजरडीहा चौकी इंचार्जों की जांच कराई जाए।
इन मांगों को लेकर सेंट्रल बार के अध्यक्ष मंगलेश दुबे व महामंत्री राजेश गुप्ता के नेतृत्व में अधिवक्ता समाज ने कलेक्ट्रेट परिसर के गुंडा एक्ट, चकबंदी, राजस्व व अन्य न्यायालयों के कार्यों का पूर्ण बहिष्कार करते हुए सांकेतिक धरने की घोषणा की है।
अधिवक्ताओं द्वारा पुलिस आयुक्त को ज्ञापन सौंपने के बाद यह जानकारी सामने आई कि पुलिस आयुक्त द्वारा दोनों मामलों में एसआईटी गठित कर एक सप्ताह में रिपोर्ट बार को सौंपने का आश्वासन दिया गया है। साथ ही उन्होंने निर्देशित किया कि अधिवक्ताओं के मामलों को सभी थानों पर गंभीरता व शालीनता से लिया जाए।
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