✍️✍️ एलिवेटर विवाद में राहत: पूर्व BHU प्रोफेसर से लाखों की ठगी का मामला,अग्रिम जमानत मंजूर
मंडुवाडीह थाना क्षेत्र में एलिवेटर कार्य को लेकर उत्पन्न हुए एक विवादित मामले में अभियुक्त प्रशांत कुमार शर्मा को सत्र न्यायालय वाराणसी से अग्रिम जमानत मिल गई है। यह आदेश न्यायाधीश जय प्रकाश तिवारी की अदालत ने पारित किया।
""अदालत में बचाव पक्ष की ओर से फौजदारी अधिवक्ता स्वतंत्र जायसवाल ने जोरदार पैरवी की। उन्होंने तर्क दिया कि अभियुक्त निर्दोष है और उसे झूठा फंसाया गया है।""
मामले की पृष्ठभूमि:
👉 वादी डॉ. लक्ष्मीकांत पाण्डेय, जो बीएचयू के सेवानिवृत्त प्रोफेसर हैं, ने अपने मकान में लिफ्ट लगाने के लिए अभियुक्त प्रशांत शर्मा से ₹5.76 लाख में अनुबंध किया था। वादी के अनुसार, निर्धारित राशि का भुगतान विभिन्न तिथियों में चेक और नकद के माध्यम से किया गया।
👉 वादी का आरोप है कि अभियुक्त ने मात्र ₹2 लाख का कार्य कर शेष कार्य अधूरा छोड़ दिया और जब शेष ₹3.76 लाख की वापसी की बात की गई, तो जान से मारने की धमकी और गाली-गलौज की गई। दिए गए चेक की राशि बैंक में प्रस्तुत करने पर बाउंस हो गई, जिससे वादी ने यह आरोप लगाया कि अभियुक्त ने विश्वासघात करते हुए उनका पैसा हड़प लिया।
बचाव पक्ष का पक्ष:
👉 अभियुक्त की ओर से कहा गया कि पूरा अनुबंध ₹10.26 लाख का था, जिसमें लिफ्ट कार्य व सिविल कार्य दोनों शामिल थे। वादी द्वारा अब तक ₹5.76 लाख ही दिया गया है, जबकि अभियुक्त ने लिफ्ट का सामान खरीदकर वादी के घर पर रखा है।
👉 यह भी कहा गया कि वादी ने चेक को जानबूझकर बाउंस कराया और अनुबंध के शेष हिस्से को नजरअंदाज करते हुए पुलिस से प्रभाव के तहत एकतरफा एफआईआर दर्ज करवा दी। अभियुक्त ₹3.76 लाख की राशि लौटाने को तैयार है और चाहता है कि विवाद का समाधान आपसी सहमति से हो।
न्यायालय का आदेश:
👉 दोनों पक्षों की दलीलों और दस्तावेजों का अवलोकन करने के बाद न्यायालय ने अभियुक्त प्रशांत कुमार शर्मा की अग्रिम जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया।

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