✍️✍️ डिमांड ड्राफ्ट घोटाला! मोटर दुर्घटना अधिकरण ने जिलाधिकारी व तहसीलदार चुनार को तलब किया
मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, वाराणसी में एक गंभीर अनियमितता का मामला प्रकाश में आया है, जहां मुआवज़े के तौर पर वसूली गई राशि के कई डिमांड ड्राफ्ट अधिकरण के पास जमा नहीं पाए गए हैं।
👉पीठासीन अधिकारी अश्वनी कुमार दूबे द्वारा जिलाधिकारी मिर्जापुर और तहसीलदार चुनार को संबोधित भेजे गए पत्र में बताया गया है कि संजय कुमार केशरी बनाम बालगोविन्द उर्फ नाटे मामले में ₹4,23,262 की वसूली हेतु प्रमाण पत्र जारी किया गया था, जिसके अनुपालन में ₹3,34,845 की राशि तहसीलदार चुनार द्वारा 10 डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से अधिकरण को भेजी गई।
👉हालांकि, जांच में केवल दो ड्राफ्ट — ₹20,000 और ₹24,845 — ही अधिकरण में जमा पाए गए। बाकी के 8 डिमांड ड्राफ्ट, जिनकी कुल राशि ₹2,90,000 है, का कोई अभिलेख अधिकरण में उपलब्ध नहीं है और न ही इनका भुगतान बैंक खातों में परिलक्षित हुआ है।
👉इस संबंध में पहले भी तहसीलदार चुनार से सूचना व प्रमाण मांगे गए थे, किन्तु कोई उत्तर नहीं मिला। बैंक से प्राप्त रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि उक्त डीडी अधिकरण के खाते में कभी क्रेडिट ही नहीं हुए।
👉इस स्थिति को "आपराधिक न्यास भंग" की श्रेणी में रखते हुए अधिकरण ने जिलाधिकारी मिर्जापुर व तहसीलदार चुनार को पत्र भेजा कि वे संबंधित समस्त दस्तावेजों के साथ निर्धारित नियत तिथि को अधिकरण में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हों। अनुपालन न होने पर न्यायालय की अवमानना मानी जाएगी और उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी।
👉यह मामला सरकारी धन के प्रबंधन, पारदर्शिता और जवाबदेही पर बड़े सवाल खड़े करता है।

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