✍️✍️ वाराणसी में वकीलों और पुलिस के बीच तनाव जारी, न्यायिक कार्य प्रभावित,संयुक्त बार का बड़ा फैसला: 20 सितंबर को न्यायिक कार्य से वकील रहेंगे विरत,एडीसीपी सहित पुलिसकर्मियों के खिलाफ याचिका दायर
वाराणसी में वकीलों और पुलिस के बीच चल रहा गतिरोध अब और गहराता जा रहा है, जिससे न्यायिक कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। दी बनारस बार एसोसिएशन और दी सेंट्रल बार एसोसिएशन, दोनों ने मिलकर शनिवार, 20 सितंबर 2025 को पूरे दिन के लिए न्यायिक कार्य से विरत रहने का फैसला किया है। यह निर्णय वकीलों पर हो रहे उत्पीड़न और पुलिस प्रशासन के खिलाफ विरोध में लिया गया है।
पुलिस पर आरोप और वकीलों की मांगें
👉 वकीलों का आरोप है कि पुलिस प्रशासन जानबूझकर उनका उत्पीड़न कर रहा है। इसमें बेवजह वकीलों के वाहनों का चालान करना और पुलिसकर्मियों का कोर्ट में न आकर न्यायिक प्रक्रिया को बाधित करना शामिल है। बार एसोसिएशन ने विशेष रूप से एडीसीपी नीतू कात्यायन पर वकीलों के साथ दुर्व्यवहार करने और माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया है।
👉 इसी संबंध में, दी बनारस बार एसोसिएशन और दी सेंट्रल बार एसोसिएशन की संयुक्त बैठक में कुछ महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए हैं:
🔴 एडीसीपी नीतू कात्यायन का स्थानांतरण: वकीलों ने एडीसीपी नीतू कात्यायन को तत्काल वाराणसी से किसी अन्य जिले में स्थानांतरित करने की मांग की है। उन पर अधिवक्ताओं के साथ दुर्व्यवहार और गाली-गलौज करने का आरोप है।
🔴 पिछली मांगों को पूरा करना: 15 सितंबर 2025 को संयुक्त बार द्वारा पारित की गई मांगों को तुरंत पूरा करने की मांग भी की गई है।
🔴 न्यायिक कार्य से विरत: पारित प्रस्ताव के अनुसार, 20 सितंबर 2025 को अधिवक्तागण पूरे दिन न्यायिक कार्य से दूर रहेंगे।
इंटरनेट मीडिया पर पुलिस-वकील जंग
👉 यह विवाद सिर्फ कोर्ट परिसर तक सीमित नहीं है। इंटरनेट मीडिया पर भी पुलिस और वकीलों के बीच तीखी बहस जारी है। कैंट इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्र का एक वीडियो वायरल हो रहा हैं, जिसमें वह ललकारते नजर आ रहे हैं। इस स्थिति ने खाकी और काली वर्दी के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।
एडीसीपी सहित पुलिसकर्मियों के खिलाफ याचिका दायर
👉 इस मामले में एक नया मोड़ तब आया जब अधिवक्ता राघवेंद्र नारायण दुबे ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में एडीसीपी नीतू कात्यायन, एसीपी क्राइम विदुष सक्सेना, और कई अन्य पुलिसकर्मियों सहित 50 अज्ञात दरोगा और 50 अज्ञात सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की याचिका दायर की। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 सितंबर 2025 की तारीख तय की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि पुलिस ने वकीलों और न्यायिक अधिकारियों के साथ अभद्र व्यवहार किया और भी कई आरोप लगाए गए।



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