✍️✍️ वाराणसी में वकील–पुलिस विवाद पर बनी सहमति, मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश, मुकदमों पर फिलहाल रोक, सोमवार को बार आम सभा में वकीलों से भी लेगी सहमति
वाराणसी में वकीलों और पुलिस के बीच हाल ही में उत्पन्न विवाद को सुलझाने के लिए जिला प्रशासन की पहल पर रविवार को एक महत्वपूर्ण बैठक पुलिस आयुक्त के आवास पर आयोजित की गई। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए, जबकि वकीलों के खिलाफ दर्ज मुकदमों पर जांच रिपोर्ट आने तक कोई कार्रवाई नहीं करने पर सहमति बनी। बैठक में सेंट्रल बार एसोसिएशन और बनारस बार एसोसिएशन के प्रतिनिधियों समेत जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे। इस कदम से विवाद के शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद बढ़ गई है।
विवाद का बैकग्राउंड
👉 वाराणसी में वकीलों और पुलिस के बीच तनाव की शुरुआत कचहरी में हुई एक घटना से हुई, जहां दारोगा की पिटाई का आरोप लगा। जिसके बाद दरोगा द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई। एफआईआर में 10 नामजद और 60 अज्ञात के खिलाफ मामला पंजीकृत किया गया। जिससे स्थिति और जटिल हो गई। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से हमलावर वकीलों की पहचान की प्रक्रिया शुरू की, जिसमें 16 लोगों की और शिनाख्त की गई। इस सब मामलो को लेकर विवाद और तुल पकड़ने लगा, इसी बीच एक अन्य अधिवक्ता से नीतू कात्यायन के बीच का विवादित वीडियो भी वायरस से मामला गरमाता गया। वकीलों द्वारा शनिवार को वृहद प्रदर्शन भी किया गया और आंदोलन को जारी रहने की चेतावनी भी दे दी गई, जिसका समर्थन अन्य जिलों के पदाधिकारीओ द्वारा भी देने का आश्वासन पत्रक के माध्यम से मिला। वाराणसी के प्रकरण को लेकर काफी जिलों में वकील भी समर्थन में न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए हड़ताल किए।
👉 बता दें कि अपर जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) सिटी आलोक कुमार वर्मा ने रविवार को एक पत्र जारी कर सेंट्रल बार और बनारस बार एसोसिएशन के अध्यक्षों को बैठक के लिए आमंत्रित किया। पत्र में मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश और राज्य विधिज्ञ परिषद के उपाध्यक्ष को भी अवगत कराने का उल्लेख किया गया था।
बैठक का आयोजन और स्थान परिवर्तन
👉 बता दें कि बैठक मूल रूप से सर्किट हाउस सभागार में अपराह्न 4 बजे निर्धारित थी, लेकिन शाम को इसे पुलिस कमिश्नर के कैंप कार्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया। इस बदलाव से काफी सुगबुगाहट हुई और देर शाम 5 बजे तक बैठक के बिंदुओं को लेकर अधिवक्ताओं में उत्सुकता बनी रही।
👉 बैठक में मंडलायुक्त एस. राजलिंगम, जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार, पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल, एडीएम सिटी आलोक वर्मा, डीआईजी (लॉ एंड ऑर्डर) शिवहरी मीणा, संयुक्त पुलिस आयुक्त राजेश कुमार सिंह समेत अन्य अधिकारी भी शामिल रहे।
👉 वहीं वकीलों की ओर से 11 सदस्यीय समिति गठित टीम के पदाधिकारी शामिल थे, जो इस प्रकार है।👇
1. रामजनम सिंह (पूर्व अध्यक्ष, सेंट्रल बार एसोसिएशन)
2. अवधेश सिंह (पूर्व अध्यक्ष, बनारस बार एसोसिएशन)
3. सुरेश श्रीवास्तव (पूर्व अध्यक्ष, सेंट्रल बार एसोसिएशन)
4. मोहन यादव (पूर्व अध्यक्ष, सेंट्रल बार एसोसिएशन)
5. राजेश मिश्रा (पूर्व अध्यक्ष, बनारस बार एसोसिएशन)
6. विवेक शंकर तिवारी (पूर्व अध्यक्ष, सेंट्रल बार एसोसिएशन)
7. नित्यानन्द राय (पूर्व महामंत्री, बनारस बार एसोसिएशन)
8. मंगलेश कुमार दुबे (वर्तमान अध्यक्ष, सेंट्रल बार एसोसिएशन)
9. सतीश कुमार तिवारी (वर्तमान अध्यक्ष, बनारस बार एसोसिएशन)
10. राजेश कुमार गुप्ता (वर्तमान महामंत्री, सेंट्रल बार एसोसिएशन)
11. शशांक कुमार श्रीवास्तव (वर्तमान महामंत्री, बनारस बार एसोसिएशन)
बैठक में उठाई गई मांगें
बता दे की अधिवक्ता पुलिस विवाद से उपजे आक्रोश के बाबत संयुक्त बार एवं कमेटी द्वारा निम्न मांग की गई:-
🔴 अधिवक्ताओं के ऊपर एफआईआर की मजिस्ट्रेट जांच कराई जाए, मजिस्ट्रेट जांच कमेटी में अधिवक्ताओं के प्रतिनिधित्व को भी सम्मिलित किया जाए एवं मुकदमा समाप्त किया जाए।
🔴 अधिवक्ताओं पर दर्ज मामलों की मजिस्ट्रेट जांच के दौरान किसी भी अधिवक्ताओं का उत्पीड़नात्मक कार्रवाई न किया जाए।
🔴 बड़ागांव मामले में मोहित सिंह के समस्त प्रकरण की भी मजिस्ट्रेट से जांच कराई जाए ।
🔴 अधिवक्ता शिवा प्रताप सिंह के विरुद्ध कोई फर्जी क्रॉस एफआईआर दर्ज न किया जाए।
🔴 पुलिस विभाग द्वारा सोशल मीडिया में किए गए अभद्र पोस्ट को तत्काल डिलीट कराए जाने तथा उनके द्वारा सदव्यवहार सुनिश्चित किया जाए।
🔴पूरे प्रकरण में कतिपय पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों का व्यवहार आपत्तिजनक एवं गैर पेशेवर रहा है, जिससे एडीसीपी नीतू कात्यायन प्रमुख है, के खिलाफ समुचित कार्रवाई की जाए।
👉इस बातों को पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल और बार के पदाधिकारियों ने बैठक के फैसलों से मीडिया को अवगत कराया।
👉बता दें कि बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा सोमवार को आम सभा बुलाकर वकीलों की सहमति लेने की भी योजना बनाई है।
आगे की संभावनाएं और अपील
👉सोशल मीडिया सेल पुलिस आयुक्त की ओर से जारी सूचना में स्पष्ट किया गया कि बैठक से विवाद थमने की संभावना बढ़ गई है। जिला प्रशासन ने वकीलों और पुलिस दोनों से संयम बरतने की अपील की है। यह बैठक न केवल विवाद सुलझाने में सहायक होगी, बल्कि वाराणसी में कानून व्यवस्था को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। सभी पक्षों से अपेक्षा है कि वे सहयोग करें ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
👉 ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक से कानूनी पेशेवरों और पुलिस के बीच विश्वास बहाली की उम्मीद बहाल होगी, जो अंततः आम नागरिकों के हित में होगा।

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