✍️✍️ बाल अपहरण और मानव तस्करी रैकेट: वाराणसी कोर्ट ने 7 दोषियों को सुनाई आजीवन कारावास की सज़ा
वाराणसी:
अपर जिला व सत्र न्यायाधीश, द्रुतगामी न्यायालय प्रथम, वाराणसी ने बाल अपहरण और मानव तस्करी से जुड़े एक सनसनीखेज मामले में 7 अभियुक्तों को आजीवन कारावास (Life Imprisonment) की सज़ा सुनाई है।
न्यायालय, जिसके पीठासीन अधिकारी (Presiding Officer) कुलदीप सिंह-II हैं, ने सत्र परीक्षण संख्या 476/2025 और 493/2025 में यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया।
बता दें कि अभियोजन की तरफ से पैरवी जिला शासकीय अधिवक्ता मुनीब सिंह चौहान व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज गुप्ता द्वारा की गई।
मामले का विवरण
यह मामला थाना भेलूपुर, वाराणसी में मु०अ०सं० 193/2023 के तहत दर्ज किया गया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, वादी मुकदमा संजय का 4 वर्षीय पुत्र रोहित 14 मई, 2023 को रवीन्द्रपुरी स्थित रामचंद्र चौराहा के पास से सोते समय अपहृत हो गया था। गहन जांच के बाद पुलिस ने अपहृत बालक को बरामद किया और रैकेट में शामिल कई अभियुक्तों को गिरफ्तार किया।
दोषी और सज़ा
न्यायालय ने दिनांक 21 नवंबर, 2025 को 7 अभियुक्तों को भारतीय दंड संहिता (भा०दं०सं०) की धारा 370(4) (मानव तस्करी) के तहत दोषी ठहराया।
24 नवंबर, 2025 को सज़ा के बिंदु पर सुनवाई के बाद, न्यायालय ने निम्नलिखित 7 दोषियों को आजीवन कारावास और 15-15 हजार रुपये के अर्थदंड (Fine) से दंडित किया:
* संतोष गुप्ता
* मनीष जैन
* महेश राणा पुत्र जानकी राणा
* मुकेश पंडित
* महेश राणा पुत्र रामलाल राणा
* शिखा देवी
* सुनीता देवी
न्यायालय ने आदेश दिया कि सभी मौलिक सज़ाएँ साथ-साथ चलेंगी और जमा किए गए अर्थदंड का 50% हिस्सा पीड़ित (रोहित के माता-पिता) को प्रतिकर (Compensation) के रूप में दिया जाएगा।
दोषमुक्त हुए अभियुक्त
इस मामले में अनुराधा देवी, यशोदा पंडित, जगबीर बरनवाल, संगीता देवी, संतोष साव, गुड़िया देवी, शिवम गुप्ता उर्फ प्रवीण मोदनवाल, संजय गुप्ता उर्फ संजय मोदनवाल और मदन मोदी उर्फ मदन बरनवाल सहित 9 अन्य अभियुक्तों को दोषमुक्त कर दिया गया है।

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