✍️✍️ पूर्व कर्मचारी के उत्पीड़न और मारपीट का मामला, आरोपी को मिली अग्रिम जमानत


वाराणसी। 

विशेष न्यायालय (पाक्सो एक्ट) के न्यायाधीश नितिन पांडेय की अदालत ने थाना जंसा से जुड़े एक गंभीर आपराधिक मामले में अभियुक्त गौरव मौर्य उर्फ विकास (निवासी: ग्राम बेसहूपुर भरहुआ) की ओर से प्रस्तुत अग्रिम जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया। 

""अदालत में बचाव पक्ष की ओर से फौजदारी अधिवक्ता श्रीकांत प्रजापति, विनोद कुमार यादव और दीपक मौर्य ने पक्ष रखा""

क्या है पूरा मामला?

मामला ग्राम बेसहूपुर भरहुआ का है, जहाँ 'इकाना बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड' के संचालकों और उनके एक पूर्व कर्मचारी रविशंकर मौर्य के बीच विवाद चल रहा है।

वादी का आरोप:

वादी रविशंकर मौर्य के अनुसार, वह वर्ष 2019 से उक्त फर्म में सेल्समैन के पद पर 30,000 रुपये प्रति माह पर कार्यरत था। आरोप है कि फर्म संचालकों (विपक्षीगण) ने उसका पूरा वेतन कभी नहीं दिया और मांगने पर टालमटोल करते रहे। जब रविशंकर ने अगस्त 2024 में काम छोड़ दिया, तो विपक्षी उसे रास्ते में रोककर गाली-गलौज करने और जान से मारने की धमकी देने लगे।

घर में घुसकर मारपीट और छेड़खानी का आरोप

तहरीर के अनुसार, 17 अक्टूबर 2024 की शाम विपक्षीगण लाठी-डंडों से लैस होकर रविशंकर के घर में घुस गए। उन्होंने रविशंकर के पिता गिरजाशंकर मौर्य को बुरी तरह पीटा, जिससे उनके कूल्हे और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आई। वादी का यह भी आरोप है कि उसकी माता के साथ छेड़खानी की गई और उनके कपड़े फाड़ दिए गए।

इसके अगले दिन, 18 अक्टूबर को जब रविशंकर एक दुकान पर अखबार पढ़ रहा था, तब भी उस पर जानलेवा हमला किया गया। वादी ने दावा किया कि पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने पर उसने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) की अदालत में धारा 173 (4) BNSS के तहत प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई थी।

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