✍️✍️ टमाटर मूल्य वृद्धि को लेकर वर्ग एवं धर्म में वैमनस्य फैलाने के मामले में मिली अग्रिम जमानत
वाराणसी: प्रभारी सत्र न्यायालय (एडीजे ग्यारह) के न्यायाधीश ने थाना लंका में दर्ज एक मुकदमे में अभियुक्त अजय यादव उर्फ अजय फौजी पुत्र सतीश फौजी, निवासी सीरगोवर्धनपुर, थाना लंका जिला वाराणसी को टमाटर के मूल्य वृद्धि को लेकर वर्ग एवं धर्म में वैमनस्य फैलाने के मामले में अग्रिम जमानत दे दी। बचाव पक्ष की ओर से अदालत में अधिवक्ता एखलाख अहमद व जुनैद जाफरी ने पक्ष रखा।
👉प्रकरण के अनुसार दिनांक 09.07.2023 को पुलिस टीम क्षेत्र रविदास पार्क / घाट पर मौजुद थे की मुखबीर खास द्वारा बताया गया कि नगवाँ मोहल्ले में सब्जी की दुकान पर कुछ लोग एकत्रित होकर टमाटर के मूल्य वृद्धि को लेकर वर्ग एवं धर्म में वैमनस्य फैला रहे हैं तथा नारेबाजी कर रहे हैं कि भगवा धारी को हटाना है। इसके लिए हमे कुछ भी करना पड़े। इस सूचना पर पुलिस ने मुखबीर खास को साथ लेकर नगवाँ मोहल्ले आया। सब्जी विक्रेता जग नरायन यादव, विकाश यादव अपनी दुकान पर मौजूद थे। इनके साथ अजय फौजी तथा दो बाउंसर मौजूद थे। उक्त पाँचों व्यक्ति टमाटर मूल्य वृद्धि को लेकर सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे तथा विभिन्न समुदायो वर्गों, धर्मों में वैमनस्ता उत्पन्न करने वाले भड़काऊ भाषण व बातें कर रहे थे तथा कह रहे थे कि भगवाधारी को देश से हटाना है, इसके लिए चाहे मुझे कुछ भी करना पड़े। आस-पास के लोग एकत्रित होने लगे हम पुलिस वाले उस समय समझाते बुझाते रहे तथा मोहल्ले के अन्दर पेट्रोलिंग करते हुए शान्ति व्यवस्था कायम रखने हेतु मोहल्ले के लोगों से शान्ति व्यवस्था कायम रखने हेतु अपील करते रहें कि उपरोक्त लोगों का यह कृत्य सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। दूर दराज के विभिन्न वर्ग, समुदाय धर्म के लोग आने लगे तथा आपने सामने की स्थिति उत्पन्न होने लगी और महौल बिगडने लगा। पुनः सब्जी विक्रेता के घर पहुंचा, काफी भीड़ एकत्रित थी। सब्जी विक्रेता जगनारायण यादव व विकास यादव उपरोक्त से पूछताछ की गयी तो बताया कि अजय फौजी व दो बाउन्सर के साथ मिल हम लोगों ने योजना के तहत मार्केट से महंगे दाम पर टमाटर लाकर विभिन्न समुदाय वर्ग धर्मों में सरकार के विरुद्ध भड़काऊ नारे बाजी भगवा धारियों को देश से भगाओं की बात,नारेबाजी कर रहे थे। इस कृत्य से आमजन मानस में जाति, धर्म, वर्ग में वैमनस्य का माहौल उत्पन्न हो गया है।
👉बचाव पक्ष की ओर से अदालत में अभियुक्त के अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त निर्दोष हैं। उनके द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है। वास्तविकता यह है कि अभियुक्त के पिता समाजवादी पार्टी के नेता हैं और समाज में उनका मान- सम्मान है, उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिये उनके पुत्र को अभियुक्त बना दिया गया है। अभियुक्त को मौके से गिरफ्तार नहीं किया गया है और ना ही अभियुक्त घटना के समय मौके पर मौजूद था। राजनीतिक परिवार के सदस्य होने के कारण पुलिस कपोल कल्पित तथ्यों के आधार पर झूठा मुकदमा कायम कराकर आरोपी बना दिया गया है।
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