✍️✍️ नगद रुपए व आभूषण चोरी के मामले में अभियुक्त को मिली जमानत
वाराणसी: प्रभारी सत्र न्यायालय के न्यायाधीश अनिल कुमार पंचम की अदालत ने थाना राजातालाब में दर्ज नगद रुपए व आभूषण चोरी के एक मामले में अभियुक्त अनिल पटेल पुत्र महेंद्र पटेल निवासी ग्राम वीर सिंहपुर थाना राजातालाब को जमानत दे दी। बचाव पक्ष की ओर से अदालत में अधिवक्ता कामेश्वर नाथ दीक्षित "किशन" व संतोष मिश्रा ने पक्ष रखा।
👉अभियोजन के अनुसार वादी धनंजय सिंह पुत्र स्व गिरजा शंकर रोज की भांति दिनांक 6.1.2024 को शाम के समय घर का ताला बंद कर अपनी नानी के घर कल्याणपुर चला जाता है। दिनांक 7.1.2024 को उसके घर का दरवाजा खुला था तो उसके पड़ोस के रहने वाले सुरेश यादव ने उसे 3:30 बजे सुबह फोन करके बताया। तब वह अपने मकान पर आया तो मेन गेट का दरवाजा टूटा हुआ था, रूम के अंदर सामान बिखरा हुआ था, चेक किया तो 10000 रूपया व तीन चार आभूषण सोने चांदी के किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा चुरा लिया गया। जिसकी सूचना वादी ने 112 पर समय करीब 3:40 पर दिया। मौके पर पुलिस आ गई।
👉अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता ने अदालत में तर्क दिया कि सह अभियुक्तगण के द्वारा पुलिस के समक्ष दिए गए बयान के आधार पर प्रार्थी को अभियुक्त बनाया गया है उक्त बयान भारतीय साक्ष्य अधिनियम में ग्राहय नहीं है सत्य यह है कि अभियुक्त कथित टाटा मैजिक का ड्राइवर है उक्त गाड़ी अभियुक्त के भाई के नाम से पंजीकृत है और अभियुक्त उसे दैनिक मजदूरी पर चलाने का कार्य करता है दिनांक 05/02/2024 को राजा तालाब बाजार से सहअभियुक्तगण द्वारा अभियुक्त की गाड़ी घरेलू सामान एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचने के लिए किराए पर बुक किया गया और अभियुक्त सहअभियुक्तगण के निर्देश पर उसके सामानों को लेकर जा रहा था कि रास्ते में चेकिंग के दौरान पुलिस को देखकर सहअभियुक्तगण गाड़ी से उतरकर भागने लगे उन्हें भागते देख पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार किया गया और उनके साथ अभियुक्त को भी थाने लेकर चली गई, थाने पर ले जाकर अभियुक्त के घर वालों से अभियुक्त को छोड़ने के नाम पर नाजायज रुपए की मांग की जाने लगी, अभियुक्त के परिवार वालों द्वारा असमर्थता जताने पर अभियुक्त को भी उपरोक्त मुकदमे में झूठी गिरफ्तारी वह बरामदगी दिखाते हुए सहअभियुक्तगण के साथ मुलजिम बना दिया गया। अभियुक्त को पुलिस द्वारा दो दिन तक अपने वैधानिक अभिरक्षा में रखने के पश्चात उपरोक्त मुकदमा में गलत तरीकों पर गिरफ्तारी व बरामदगी दिखाकर अभियुक्त बनाया गया है। अभियुक्त को मुकदमा उपरोक्त में झूठा व गलत तरीके पर नाजायज दबाव डालने की गरज से अभियुक्त बनाया गया है। अभियुक्त निर्दोष है और उसने उपरोक्त धाराओं का कोई अपराध कारित नहीं किया है।
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