✍️✍️ हत्या के मामले में आरोपी दोषमुक्त
""बचाव पक्ष की ओर से अदालत में वरिष्ठ फौजदारी अधिवक्ता संजय कुमार चौबे व दीपिका चौबे ने पक्ष रखा""
👉अभियोजन के अनुसार प्रार्थिनी सीता देवी पत्नी गोविंद यादव पता चूकहा थाना चौबेपुर वाराणसी ने तहरीर दि की दिनांक 2.9.2017 को शाम 8:00 बजे वह घर के बगल में खेत में शौच करने गई थी उसका पति घर पर अकेला था 2 वर्ष पहले कचहरी वाराणसी से छेड़खानी का मुकदमा करवाया था उसका पति दिनांक 01.09 .2017 को जमानत करा लिया था इस बात को लेकर पति व जेठ रामआसरे के बीच कहां सुनी हुई इसी बात को लेकर जेठ रामआसरे से उसकी पत्नी मलूई देवी ने गुस्से में आकर मिट्टी का तेल लेकर पति के ऊपर डालकर आग लगा दिया पति जब जलते हुए चिल्लाने लगा तब पति की आवाज सुनकर खेत में से भागते हुई गई तथा उसके ऊपर पानी फेंक कर बचाने का प्रयास किया तथा गांव वालों की मदद से एंबुलेंस से मंडलीय चिकित्सालय कबीर चौराहा वाराणसी में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान दिनांक 7.9.2017 को प्रात करीब 6:00 बजे मृत्यु हो गई पोस्टमार्टम कोतवाली में दर्ज कराई गई।
👉अदालत में बचाव पक्ष की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क दिया गया कि अभियुक्त ने कोई घटना कारित नहीं की है, जो साक्षी पीडब्ल्यू 1 को चक्षुदर्शी साक्षी कहा जा रहा है, वस्तुत वह घटनास्थल पर नहीं थी उसकी साक्ष्य अनुश्रुत साक्ष्य की श्रेणी में आती है, स्वयं वादीनी मुकदमा के कारण ही मृतक जलकर मरा है,लोभ में मुकदमा दर्ज करा कर झूठा फसाया गया है, यह तर्क भी प्रस्तुत किया गया है की मृत्यु कालीन कथन पर अभियोजन आश्रित है, वस्तुत वह विलंब से वादिनी मुकदमा का प्रभाव में झूठा दर्ज कराया गया है। अन्य अभियोजन साक्षियो द्वारा घटना का समर्थन नहीं किया गया है। बचाव पक्ष के साक्षियो के द्वारा भी सही तथ्य को न्यायालय में रखा गया है। सभी बचाव साक्षी घटनास्थल घटना से संबंधित रहे हैं। इस आधार पर उल्लेखित किया गया की मात्र मृत्युकालीन कथन के आधार पर जो की एक फर्जी अभिलेख तैयार किया गया है,के प्रकाश में अभियुक्त को दंडित नहीं किया जा सकता।
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