✍️✍️ प्रतिबंधित खाद्य सामग्री विक्रय के मामले में अभियुक्त की अग्रिम जमानत मंजूर


वाराणसी: अपर सत्र न्यायालय के न्यायाधीश रविंद्र कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने प्रतिबंधित खाद्य सामग्री विक्रय के मामले में अहमदपुर थाना जफराबाद जिला जौनपुर निवासी अभियुक्त कन्हैया लाल शुक्ला पुत्र रामदुलार की ओर से प्रस्तुत अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए अग्रिम जमानत पर रिहा का आदेश दिया। 

""बचाव पक्ष की ओर से अदालत मे अधिवक्ता अनिल दुबे ने पक्ष रखा""

👉प्रकरण के अनुसार परिवादी रघुनाथ प्रसाद पटेल, खाद्य सुरक्षा अधिकारी जौनपुर की ओर से न्यायालय के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया कि दिनांक 04.06.2020 को पुलिस विभाग द्वारा कृत कार्यवाही के दौरान गोलवानाला अहमदपुर, थाना जफराबाद, जनपद-जौनपुर पर खाद्य कारोबारकर्ता कन्हैयालाल शुक्ला के पास से बरामद दोहरा (सुपारी जर्दा, गरी, लौग इलाइची पिपरमिन्ट चूना) का निरीक्षण कर नमूना लेकर नियमानुसार लेबल लगाकर अभिहित अधिकारी द्वारा हरताक्षरित कर जांच के लिए भेजा गया। खाद्य विश्लेषक की रिपोर्ट के अनुसार उक्त नमूना खाद्य पदार्थ पान मसाला (दोहरा) का है, जिसमें तम्बाकू उपस्थित है, जिसका विक्रय खाद्य सुरक्षा एवं मानक (विक्रय प्रतिषेध एवं निर्बन्धन) विनियम 2011 के विनियम 2.3.4 के अन्तर्गत प्रतिबन्धित हैं तथा खाद्य विश्लेषक की उक्त रिपोर्ट के अनुसार उक्त खाद्य कारोबारकर्ता से लिया गया नमूना खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 3 (1) (जेड जेड) (वी) की परिभाषा के अन्तर्गत असुरक्षित (Unsafe) है जिसका क्रय/विक्रय हेतु भण्डारित कर उपरोक्त खाद्य कारोबारकर्ता द्वारा उक्त अधिनियम की धारा 26 (2) (v&i) का उल्लंघन किया गया है, जो इसी अधिनियम की धारा-58 एवं धारा-59 (iii) के अन्तर्गत अर्थदण्ड एवं कारावास से दण्डनीय अपराध है।

👉 अभियुक्त की ओर से अदालत में विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क दिया गया कि यह मामला परिवाद पर संस्थित है, घटित घटना से एक वर्ष बाद 355 परिवाद लाया गया। परिवाद संख्या 355/22 राज्य बनाम कन्हैया शुक्ला व अन्य माननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायालय वाराणसी में विचाराधीन है। अभियुक्त पूरी तरह से निर्दोष है, अभियोजन कथानक असत्य एवं निराधार है। अभियोजन कथानक से स्पष्ट है कि अभियुक्त के पास कोई दुकान नहीं है क्योंकि अभियोजन द्वारा कथित बरामदगी अभियुक्त से प्राप्त करना कहा जाता है, न कि किसी प्रतिष्ठान से प्राप्त करना। कथित घटना का कोई स्वतंत्र साक्षी नहीं है, सभी गवाह खाद्य विभाग के हैं, खाद्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा मनमानी तरीके से अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अभियुक्त को झूठा फंसा दिया गया है।

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