✍️✍️ दूसरी शादी, दहेज उत्पीड़न व जेवर चोरी मामले में अंजली मिश्रा को राहत, निगरानी याचिका खारिज कर न्यायालय ने विवेचना आदेश को ठहराया वैध
वाराणसी। न्यायिक प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए सिविल जज (जु.डि.) एफ.टी.सी.-2 वाराणसी द्वारा पारित आदेश को विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के न्यायाधीश ने वैध ठहराया और निगरानी याचिका संख्या 257/2021 (रामप्रवेश मिश्रा बनाम राज्य व अन्य) को खारिज कर दिया। इस निर्णय से पीड़िता अंजली मिश्रा को बड़ी राहत मिली है।
प्रकरण के अनुसार, अंजली मिश्रा ने धारा 155(2) दं.प्र.सं. के तहत प्रार्थनापत्र प्रस्तुत करते हुए आरोप लगाया कि उनका विवाह दिनांक 24.05.2013 को ज्ञानेन्द्र मिश्रा से हुआ था। विवाह के उपरांत उन्हें दहेज की मांग को लेकर पति एवं ससुराल पक्ष द्वारा मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया तथा मारपीट कर घर से निकाल दिया गया।
इसके संबंध में पूर्व में थाना फूलपुर, वाराणसी में मु.अ.सं. 430/2018 अंतर्गत धारा 498A, 307, 325, 504, 506 भा.दं.सं. व 3/4 डी.पी. एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। बाद में अंजली को जानकारी मिली कि दिनांक 28.06.2020 को उसके पति ने रंजना मिश्रा से दूसरी शादी कर ली और इसके बाद ससुराल पक्ष के लोगों ने उसके कमरे का ताला तोड़कर जेवरात आदि चोरी कर लिए।
इस पर अंजली ने थाना फूलपुर में एन.सी.आर. संख्या 175/2020 अंतर्गत धारा 494 भा.दं.सं. में रिपोर्ट दर्ज कराई और विवेचना हेतु न्यायालय से आदेश की मांग की। विचारण न्यायालय ने उक्त रिपोर्ट पर विवेचना का आदेश पारित किया, जिसे रामप्रवेश मिश्रा द्वारा निगरानी याचिका दाखिल कर चुनौती दी गई।
विरोध में अंजली मिश्रा की ओर से वरिष्ठ फौजदारी अधिवक्तागण संतोष कुमार मिश्र, दीपक दुबे व नावेद अहमद ने प्रभावशाली पैरवी करते हुए बताया कि विवेचना के बाद पुलिस ने आरोपीगण के विरुद्ध धारा 494, 504, 506 भा.दं.सं. में आरोप प्रमाणित पाए हैं और आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल हो चुका है, जिस पर दिनांक 04.01.2022 को संज्ञान भी लिया जा चुका है।
न्यायालय ने यह मानते हुए कि विचारण न्यायालय का विवेचना हेतु आदेश विधिसम्मत है और धारा 155(2) के अंतर्गत यथोचित प्रक्रिया का पालन किया गया है, निगरानी याचिका खारिज कर दी। साथ ही विचारण न्यायालय द्वारा दिनांक 10.09.2021 को पारित आदेश को पुष्ट कर दिया गया।
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