✍️✍️ फर्जी जमानत आदेश से जमानत लेने वाले पांचों अभियुक्तों की सजा बरकरार, तीन दिन में आत्मसमर्पण का आदेश


वाराणसी गैंगस्टर कोर्ट से फर्जी जमानत आदेश दाखिल कर जमानत पाने वाले पांच अभियुक्तों की अवर न्यायालय द्वारा दी गई सजा को स्पेशल जज भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के न्यायाधीश सुशील कुमार खरवार ने बरकरार रखा है। कोर्ट ने सभी दोषियों को तीन दिन के भीतर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है।

""सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) रोहित मौर्य ने अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी की""

प्रकरण के अनुसार, वादी विजय कुमार गुप्ता के भाई की हत्या जनपद गाजीपुर के बहरियाबाद थाना क्षेत्र में हुई थी। आरोपियों पर हत्या व गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। उस समय गैंगस्टर मामलों की सुनवाई वाराणसी न्यायालय में होती थी।

👉 अभियुक्त विनय पांडे उर्फ चुन्नू, ओमकार यादव सहित अन्य ने गैंगस्टर कोर्ट वाराणसी में फर्जी जमानत आदेश दाखिल कर न्यायालय को गुमराह किया और जमानत हासिल कर ली। इस षड्यंत्र में शिवमूरत यादव, मूलचंद, रामरूप और दीपचंद भी शामिल थे। जब वादी को इस फर्जीवाड़े की जानकारी हुई तो उसने जांच कराकर कोर्ट में आवेदन दिया।

👉 जांच में जमानत आदेश फर्जी पाया गया, जिस पर गैंगस्टर कोर्ट ने जमानत रद्द कर अभियुक्तों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही का आदेश दिया। तत्पश्चात कैंट थाने में IPC की धारा 466, 468, 471 में मुकदमा दर्ज हुआ और विवेचना उपरांत 120B की बढ़ोतरी करते हुए सभी धाराओं में विवेचना उपरांत आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया।

👉 अवर न्यायालय ने छह अभियुक्तों को दोषी ठहराते हुए पांच-पांच वर्ष की सजा और अर्थदंड से दंडित किया था। इनमें से एक अभियुक्त राम रूप की मृत्यु हो चुकी है, जिस कारण पत्रावली उपसमित कर दी गई थी।

👉 शेष पांच अभियुक्तों द्वारा दायर अपील में स्पेशल कोर्ट ने निचली अदालत के निर्णय को सही ठहराते हुए सजा बरकरार रखी और तीन दिन के भीतर आत्मसमर्पण का आदेश दिया।

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