✍️ रंगदारी,सूदखोरी व जान से मारने की धमकी देने के मामले में दो आरोपितों को मिली जमानत
वाराणसी: प्रभारी जिला जज किरन पाल सिंह की अदालत ने सूदखोरी, रंगदारी व जान से मारने की धमकी देने के मामले में कोहासी, चोलापुर निवासी काशी सिंह व गौतमपुर, सिंधोरा निवासी प्रेमशंकर सिंह उर्फ मीठे को जमानत दे दी।
अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र सिंह, अनुज यादव व मनीष राय ने पक्ष रखा।
👉अभियोजन पक्ष के अनुसार अंकित सिंह ने पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश को प्रार्थना पत्र दिया था। आरोप था कि उसके पिता की काशी सिंह, प्रेमशंकर सिंह उर्फ मीठे सिंह, रमेश राय मटरु, आनंद सिंह उर्फ राजन सिंह, जितेंद्र सिंह से उसके पिता की मित्रता थी। इस बीच वर्ष 2013 में काशी सिंह उसके पिता को कचहरी ले जाकर 15 लाख रुपये के कर्जा ब्याज पर लिखा-पढ़ी करा लिये थे। इसके कुछ दिन बाद काशी सिंह अपने साथियों के साथ घर पर आये और गालीगलौज देते हुए जान से मारने की धमकी देने लगे और वर्ष 2014 में सवेरे घर आकर पिताजी को कचहरी ले गये और वहां कई कागजों पर दस्तखत कराये और फिर वापस घर छोड़ गये। ऐसा दो बार हुआ। आयेदिन की धमकी से मेरे पिता को सदमा लगा और हार्ट अटैक से पांच जून 2022 को उनकी मौत हो गयी। पिता की मौत के बाद जब वादी कचहरी जाकर रजिस्ट्री आफिस में जांच-पड़ताल की तो पता चला कि काशी सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसके पैतृक संयुक्त सम्पत्ति का छलकपट करते हुए मेरे पिताजी से अपने साथी आनंद कुमार सिंह उर्फ राजन सिंह के नाम से 32 लाख रुपए का चेक से भुगतान व एक लाख रजिस्ट्री के समय देकर बैनामा कराने के समय भुगतना की बात कहते हुए कब्जाशुदा सट्टा करा लिया है। इस पर जब मैं अपने बड़े भाई व बड़े पिता के साथ काशी सिंह के पास विरोध करने पहुंचा तो वहां मौजूद काशी सिंह, मटरु राय, प्रेमशंकर सिंह उर्फ मीठे, आनंद सिंह उर्फ राजन, जितेंद्र सिंह लोग जान से मारने की धमकी देने लगे।
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