✍️ रंगदारी न मिलने पर चाकू से हमला करने का मामला
बचाव पक्ष की ओर से अदालत में वरिष्ठ फौजदारी अधिवक्ता हरिशंकर सिंह ने पक्ष रखा।
👉अभियोजन कथानक के अनुसार वादिनी मुकदमा दीपिका सिंह द्वारा थाना कोतवाली, वाराणसी में इस आशय की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी कि रूबी फातिमा दबंग व आपराधिक किस्म की महिला है। रूबी फातिमा वादिनी के घर एक अज्ञात व्यक्ति के साथ आयी तथा वादिनी के पति से 5,00,000/- (पाच लाख रूपया) की मांग किया। रूपया देने में असमर्थता बतायी तो वह मारपीट करने लगी। रूबी फातिमा अपने साथ एक व्यक्ति के साथ धारदार हथियार से लैस होकर वादिनी के घर पर आयी तथा पुनः 5,00,000/-रूपया की मांग करने लगी, वादिनी ने फिर रूपया देने से इंकार कर दिया तो रूबी फातिमा ने जान से मारने की नियत से चाकू से हमला कर दिया।
👉अभियुक्ता की ओर से विद्वान अधिवक्ता ने तर्क दिया कि अभियुक्ता बिलकुल निर्दोष है और उसे उक्त घटना की कोई जानकारी नहीं है। अभियुक्ता को उक्त मुकदमे में झूठा फसा दिया गया है। अभियुक्ता के पति डा संजय ने अभियुक्ता को परेशान करने की गरज से उक्त मुकदमे में मुल्जिम बना दिया है। अभियुक्ता ने अपने पति डा संजय के खिलाफ मु.अ.स.-1306/17, अन्तर्गत धारा 419,420,376,313,328,504,506 भा.द.स. में मुकदमा थाना लंका वाराणसी में लिखवाया था, जिसकी वजह से उक्त मुकदमे में सुलह के लिए दबाव बनाने के लिए डॉक्टर ने प्रार्थिनी को धमकी दिया था की यदि तुम जो ये मुकदमा मेरे ऊपर लिखवाई हो उसमे सुलह नही किया तो तुमको भी जेल भेज कर रहूंगा। अभियुक्ता एक महिला है। वादिनी मुकदमा ने इस आशय का शपथपत्र दिया है कि उसने लोगो के बहकावे में आने पर उक्त मुकदमा अभियुक्ता के खिलाफ लिखवा दिया है, उसके साथ कोई घटना घटित नही हुई थी।
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