✍️✍️ ₹ 275 करोड़ महाघोटाला में, अग्रिम विवेचना का आदेश
👉 प्रोटेस्ट प्रार्थना-पत्र में कहा गया कि वादी मुकदमा के द्वारा प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में किये घोटाले/ बंदरबाट के संबंध में प्रबंध निदेशक कैशपोर माइक्रो केडिट एवं अन्य के खिलाफ माननीय न्यायालय के आदेश पर थाना कैंट वाराणसी में दिनांक 19.04.2023 को अपराध संख्या-182/2023 अन्तर्गत धारा 409, 419, 420 भा०द०स० दर्ज था, जिसकी विवेचना उपनिरीक्षक श्री प्रकाश सिंह चौहान के द्वारा दिनांक 19.07.2023 तक संपादित की गयी थी। दिनांक 19.07.2023 को उक्त विवेचक का स्थानांतरण होने के पश्चात उपनिरीक्षक अरुण प्रताप सिंह के द्वारा विवेचना ग्रहण की गयी। पूर्व विवेचक के द्वारा दौरान विवेचना एफआईआर के समर्थन में मुद्रा के द्वारा कैशपोर माइक्रो क्रेडिट कम्पनी को रुपये 275 करोड़ का ऋण दिया जाना सही ठहराना गया था। आरोपियों के द्वारा से रुपये 275 करोड़ का ऋण लिया जाना अपने बयानों में स्वीकार किया गया था। विवेचक अरुण प्रताप सिंह के द्वारा लीपापोती कर माननीय न्यायालय एवं वादी मुकदमा को गुमराह करने का अनुचित प्रयास किया गया। इस संबंध में माननीय उच्च न्याालय में योजित की गई एक रिट याचिका 10794/2023 पी०सी० पाठक बनाम उत्तर प्रदेश एवं चार अन्य के विरुद्ध जिसमें विवेचक से बार-बार प्रगति आख्या मांगने पर भी विवेचक के द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष प्रगति आख्या प्रस्तुत न करने पर, दिनांक 21.08.2023 को माननीय न्यायालय के द्वारा पुलिस कमिश्रर बनारस को प्रगति आख्या न भेजने का जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ आदेश पारित करते हुए दिनांक 12.09.2023 की तिथि नियत की गई थी। गौरतलब है कि विवेचक उप निरीक्षक प्रकाश सिंह के दिनांक 19.07.2023 के स्थानांतरण पश्चात दिनांक 24.06.2023 को विवेचक उपनिरीक्षक अरुण प्रताप सिंह के द्वारा अपने द्वारा काटे गए पर्चा न०-16 में विवेचना ग्रहण करना बताया गया जो कि एक षडयन्त्र है। आईजीआरएस पर की गई शिकायत की जांच के क्रम में सहायक पुलिस आयुक्त कैंट ड्रा अतुल अंजान त्रिपाठी के द्वारा विवेचक/प्रभारी निरीक्षक थाना कैंट को दिनांक 01 जुलाई, 2023 एवं 16 अगस्त 2023 को अभियुक्तों की गिरफ्तारी/एनबीडब्ल्यू/82,83 सीआरपीसी की कार्रवाई करने हेतु निर्देश दिए गए थे, जिनका अनुपालन नहीं किया गया। 275 करोड़ का महाघोटाला जो की प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से संबन्धित है एवं देश के माननीय योजस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क्षेत्र से जुड़ा हुआ है इसलिए जांच न्यायिक समिति अथवा किसी राजपत्रित अधिकारी से कराई जाए।
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