✍️✍️ अखिलेश यादव की ओर से दाखिल हुई आपत्ति: ज्ञानवापी प्रकरण
अखिलेश यादव की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव ने अपर जिला जज (नवम)की अदालत में दाखिल की आपत्ति।
वाराणसी: ज्ञानवापी के वजूखाने में गंदगी करने और नेताओं की बयानबाजी को लेकर निचली अदालत के आदेश के खिलाफ लंबित पुनरीक्षण याचिका पर गुरुवार को सुनवाई नहीं हो सका। अपर जिला जज (नवम) की अदालत में लंबित इस मामले में पीठासीन अधिकारी के अवकाश पर होने के कारण सुनवाई टल गई और 20 नवंबर की अगली तिथि मुकर्रर कर दी गई। उक्त प्रकरण में विपक्षी संख्या छह सपा प्रमुख अखिलेश यादव की ओर से लंबित पुनरीक्षण याचिका पर गुरुवार को आपत्ति दाखिल की गई। आपत्ति में कहा गया है कि पुनरीक्षणकर्ता हरिशंकर पांडेय ने अपनी पुनरीक्षण याचिका में निचली अदालत द्वारा पारित आदेश के संबंध में कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है कि किस आधार पर उनकी प्रार्थना पत्र खारिज की गई थी। साथ ही आपत्ति में यह भी कहा गया है कि पुनरीक्षणकर्ता हरिशंकर पांडेय कमीशन कार्रवाई के लिए गठित टीम में सदस्य नहीं था और न ही मौके पर मौजूद था। ऐसे स्थिति में फिर किस आधार पर विपक्षी पर हरिशंकर पांडेय ने यह आरोप लगाया गया कि धार्मिक विद्वेष फैलाकर माहौल को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। अपने कथन के समर्थन में एडवोकेट कमीशन की कार्रवाई में शामिल सदस्यों के नामों की सूची अदालत में पेश की। आपत्ति में पुनरीक्षणकर्ता की याचिका निरस्त करने की मांग की गई है। अखिलेश यादव की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव ने अपर जिला जज (नवम)की अदालत में दाखिल की।
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