✍️✍️ दलित उत्पीड़न व लुटपाट के मामले में क्षेत्राधिकारी को पुनः विवेचना का आदेश
वाराणसी: विशेष न्यायालय (एससी/ एसटी एक्ट) के न्यायाधीश अनिल कुमार पंचम की अदालत ने थाना लालपुर पांडेयपुर में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 163/2020 दलित उत्पीड़न व लूटपाट के मामले में वादी मुकदमा की पत्नी द्वारा अपने अधिवक्ता महेंद्र मोहन मिश्र, आलोक पाठक एव अमित त्रिपाठी के जरिए अंतिम रिपोर्ट के विरुद्ध आपत्ती प्रस्तुत किया था, जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा अंतिम रिपोर्ट संख्या 177/2021 को निरस्त कर क्षेत्राधिकारी को पुनः विवेचना का आदेश दिया गया।
👉 बता दें कि आपत्ती प्रार्थना पत्र में कहा गया कि प्रार्थीनी के पति स्व मनोज कुमार मुकदमा के वादी हैं और उनका स्वर्गवास हो गया है उनके स्वर्गवास के बाद उनकी पत्नी होने की हैसियत से यह प्रोटेस्ट प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जा रहा है, मुकदमा न्यायालय के आदेश से थाना लालपुर पांडेयपुर में कायम हुआ था, प्रार्थीनी अनुसूचित जाति की है और मुकदमा के अभियुक्तगण वैष्णव पांडेय, स्वतंत्र प्रकाश पुत्रगण देव प्रकाश पांडेय व संजय तिवारी सवर्ण जाति के हैं, प्रार्थीनी के पति दिनांक 01/07/2020 को सुबह पहरिया मंडी के पास सब्जी व फल लेने के लिए गए थे, उसी समय मोटरसाइकिल से वैष्णव प्रसाद प्रकाश पांडेय व स्वतंत्र प्रकाश पांडेय व दूसरी मोटरसाइकिल से संजय तिवारी प्रार्थिनी के पति के पास आए और जाति सूचक गाली दिए और कहे तुम मनोज पांडेय के पास रहते हो और उसकी गाड़ी चलाते हो उसका साथ छोड़ दो नहीं तो हम लोग तुम्हें जान से मार कर खत्म कर देंगे वैष्णव प्रकाश पांडेय वगैरह को गाली देने से मना किया तो वैष्णव प्रसाद पांडेय, स्वतंत्र प्रकाश पांडेय,संजय तिवारी ने मनोज कुमार को लाठी डंडे से मार कर घायल कर दिए और मनोज कुमार के शर्ट मे रखे पैसे जबरदस्ती निकाल दिए, धमकी दिए की मनोज पांडेय का साथ छोड़कर भाग जाओ नहीं तो तुम्हारी हत्या करवा देंगे। शोरगुल पर वहां पर बहुत से लोग आ गए जिन्होंने घटना देखा बीच बचाव किया। वैष्णव प्रकाश पांडेय वगै के मारने से मनोज कुमार को काफी छोटे आई, मनोज कुमार ने अपना मेडिकल कबीरचौरा हॉस्पिटल में कराया। प्रार्थिनी के पति ने घटना प्रार्थिनी को बताया था। विवेचक द्वारा प्रार्थिनी के पति व गवाह का बयान अंकित किया गया था लेकिन विवेचक अभियुक्तगण के दबाव व प्रभाव के कारण घटना को गलत ठहराया। मेडिकल करने वाले डॉक्टर का बयान लिखा है जिसमें उन्होंने चार चोट का जिक्र किया, जिसे स्पष्ट होता है कि प्रार्थिनी के पति को अभियुक्तगण के मारने से चोटे हैं, विवेचक अभियुक्तगण के दबाव व प्रभाव में आकर बयान अंकित किया है, प्रार्थिनी के पति द्वारा बताए गए गवाहो का बयान या घटनास्थल के गवाहों का बयान विवेचक द्वारा अंकित नहीं किया गया, विवेचक ने साफ़ सुथरी विवेचना न करते हुए अभियुक्तगण के दबाव में आकर विवेचना करके फाइनल रिपोर्ट लगा दिया है।
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