✍️✍️ फर्जी नियुक्ति पत्र देकर 4.30 लाख की ठगी, जाति सूचक गालियां व धमकी: अदालत ने जमानत याचिका की खारिज

वाराणसी:  विशेष न्यायालय (एससी/एसटी एक्ट) वाराणसी के न्यायाधीश देवकांत शुक्ला की अदालत ने थाना सिगरा में दर्ज धोखाधड़ी, जालसाजी, जाति उत्पीड़न व धमकी देने से जुड़े गंभीर मामले में आरोपी अजय कुमार मिश्रा निवासी भैरवनाथ, थाना कोतवाली की ओर से दाखिल जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।

 ""अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सत्येंद्र कुमार सिन्हा ने जोरदार विरोध किया""


अभियोग का संक्षिप्त विवरण:

👉 वादी वीरेंद्र कुमार, जो अनुसूचित जाति के सदस्य हैं, ने पुलिस आयुक्त के समक्ष शिकायत दर्ज कराई कि वर्ष 2020 में काल भैरव मंदिर में मुलाकात के दौरान विपक्षी रंजन मिश्रा ने बीएचयू में नौकरी दिलाने का झांसा दिया। रंजन ने बताया कि उसके पिता मनोज मिश्रा व भाई अजय कुमार मिश्रा बीएचयू में अधिकारी हैं और सरकारी नौकरी लगवाने में सक्षम हैं।

👉 प्रलोभन में आकर वादी ने कई किस्तों में कुल ₹4,30,000 विपक्षीगण को दिए। बाद में वादी को एक फर्जी नियुक्ति पत्र दिया गया और उसका बायोमेट्रिक हाजिरी तक ली गई। जब वादी 19 जनवरी 2022 को नियुक्ति पत्र लेकर बीएचयू के आर्थोपेडिक विभाग पहुंचा, तो अधिकारियों ने पत्र को फर्जी बताकर भगा दिया।

👉 वादी के अनुसार जब उसने अपना पैसा वापस मांगना चाहा, तो विपक्षीगण ने उसे जाति सूचक गालियां दीं और जान से मारने की धमकी दी।


अदालत की टिप्पणी:

मामले की गंभीरता, फर्जीवाड़े की परिपक्व योजना, आर्थिक शोषण, जातीय अपमान और धमकी को दृष्टिगत रखते हुए न्यायालय ने आरोपी अजय कुमार मिश्रा की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

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