✍️✍️ नीलगिरी इन्फ्रासिटी घोटाला: करोड़ों की धोखाधड़ी मामले में तीन अभियुक्तों की जमानत अर्जी खारिज
आरोपों का गंभीर ब्यौरा:
मामले में छह वादी द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, जिनमें पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि नीलगिरी इन्फ्रासिटी के नाम पर फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये की ठगी की गई। अभियुक्तों ने आवासीय टाउनशिप योजना "नीलगिरी ग्रीन सिटी" के नाम पर लोगों से पैसे लेकर न तो प्लॉट दिए और न ही वादा किया गया विकास कार्य किया।
प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं:
👉 वादी पंकज कुमार ने ₹10.53 लाख देकर प्लॉट बुक कराया, लेकिन न कब्जा मिला और न विकास कार्य।
👉 बबली कुमारी से ₹15.51 लाख की ठगी हुई, और प्लॉट देने की बजाय बुकिंग रद्द कर पैसे लौटाने से इनकार कर दिया गया।
👉 राम कवल चौहान व राधेश्याम चौहान, उषा देवी, अखिलेश कुमार भारतीय, प्रदीप कुमार चौधरी समेत अन्य लोगों से भी लाखों रुपये की ठगी हुई।
👉 एक मामले में नकली दस्तावेजों के जरिये फर्जी जमीन का सौदा कर ₹10 लाख की ठगी की गई और पीड़ित को जान से मारने की धमकी भी दी गई।
धोखाधड़ी का पैटर्न:
अभियुक्तों ने एक सोची-समझी योजना के तहत आवासीय योजनाओं के नाम पर जनता से पैसे लेकर:
👉नकली एग्रीमेंट किए,
👉साइट पर कोई विकास कार्य नहीं किया,
👉पैसे वापस करने से इनकार किया,
👉शिकायत करने पर धमकियाँ दीं।
अदालत की सख्ती:
प्रकरण की गंभीरता, आरोपों की प्रकृति, पीड़ितों की संख्या और आरोपीगण की कथित आपराधिक मंशा को देखते हुए अदालत ने तीनों अभियुक्तों की जमानत याचिका खारिज कर दी।
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